प्रत्येक वर्ष फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन होता है और उसके अगले दिन होली मनायी जाती है।इस वर्ष होलिका दहन 7 मार्च रविवार को और रंगों वाली होली 8 मार्च सोमवार को मनाई जाएगी।
पूरे भारत में यह त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। ब्रज भूमि में तो हफ्ते भर पहले से ही होली की खुमार छाया रहता है। इस वर्ष भी लड्डू की होली, लट्ठमार होली इन सबकी शुरुआत हो चुकी है और रंग-गुलाल उड़ रहे हैं।
इस बार होली के मौके पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं जिसके कारण इस त्यौहार का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।
शुभ मुहूर्त :
होलिका दहन मार्च 7, मंगलवार
होलिका दहन मुहूर्त- मुहूर्त रात्रि 3 से 4:30 बजे शुभ व 4:30 से 6 बजे तक
होली की पूजा विधि
- होलिका पूजन शाम के समय किया जाता है। इसके लिए आप पूर्व या उत्तर की तरफ अपना मुख करके बैठें।
- इसके बाद अपने आस -पास पानी की कुछ बूंदे छिड़कें। ऐसा करने से आपके पास की सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
- इसके बाद गोबर से होलिका बनाएं या फिर सार्वजनिक जगह पर जाकर जहां होलिका बनी हो वहां जाकर पूजन करें।
- होलिका पूजन से पहले गणेश जी का पूजन अवश्य करें।
- पूजन के लिए एक थाली में रोली, कच्चा सूत, चावल, फूल, साबुत हल्दी, बताशे, फल और एक लोटा पानी अवश्य लें।
- इसके बाद नरसिहं भगवान का स्मरण करें होलिका पर रोली, चावल, फूल, बताशे अर्पित करें और मौली को होलिका के चारों और लपेटें।
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