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श्राइकोटी माता मंदिर : एक ऐसा अनोखा मंदिर जहां एक साथ नहीं जा सकते पति-पत्नी

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यताएं हैं कि शादी के बाद विवाहित जोड़े को किसी भी शुभ कार्यक्रम, पूजा-पाठ, हवन आदि में एक साथ शामिल होना होता है। तीर्थ और पूजा-पाठ का शुभ फल पति-पत्नी के जोड़े के रूप में ही प्राप्त होता है।

वहीँ दूसरी तरफ देव भूमि हिमाचल प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है, जहां पति-पत्नी एक साथ नहीं जा सकते। जी हाँ, आज हम आपको इसी अनोखे मंदिर और इससे जुड़ी रोचक बातें बताने जा रहे हैं, चलिए शुरू करते हैं:

देवभूमि हिमाचल प्रदेश में जिला शिमला के रामपुर में समुद्र तल से 11000 फीट की ऊंचाई पर मां दुर्गा का एक रूप विराजमान है जो श्राई कोटि माता के नाम से बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में पति-पत्नी दोनों जाते हैं, लेकिन दर्शन अलग अलग करते हैं।

इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई जोड़ा इस मंदिर में एक साथ जाए तो यह उनके लिए श्राप के समान है। वे अपने निजी जीवन में बहुत सारी समस्याओं का सामना करते हैं और अंततः एक दूसरे से अलग हो जाते हैं।

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पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिकेय को संपूर्ण ब्रह्मांड की परिक्रमा करने के लिए कहा।

कार्तिकेय जी परिक्रमा के लिए निकल गए, लेकिन गणपति जी महाराज ने माता-पिता के चारों ओर चक्कर लगा कर कहा कि माता-पिता के चरणों में ही भ्रमांड है और परिक्रमा पूरी कर ली।

जब तक कार्तिकेय जी घर वापस आए, तब तक गणेश जी का विवाह हो चुका था, जिससे कार्तिकेय जी बहुत गुस्सा हो गए और फिर उन्होंने फैसला किया कि वह जीवन भर कभी विवाह नहीं करेंगे।

जैसे ही मां पार्वती को कार्तिकेय के फैसले के बारे में पता चला, तो वह क्रोधित हो गईं और श्राप दिया कि जो भी जोड़ा इस मंदिर में एक साथ आएगा, वे भविष्य में निश्चित रूप से अलग हो जाएंगे। यही कारण है कि पति-पत्नी इस जगह पर एक साथ नहीं जाते हैं।

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अगर फिर भी कोई ऐसा करता है तो मां के श्राप अनुसार उसे ताउम्र एक दूसरे का वियोग सहना पड़ता है। जो भी परंपरा के अनुसार माता के दर्शन करता है, उसकी समस्त मनोकामना पूरी होती है।

यह मंदिर सदियों से लोगों की आस्था का केंद्र रहा है और मंदिर का रखरखाव माता भीमाकाली ट्रस्ट के पास है। घने जंगल के बीच स्थित इस मंदिर का रास्ता देवदार के घने पेड़ों से और भी रमणीय लगता है। शिमला पहुंचने के बाद नारकंडा होते हुए वाहन और बस से और फिर मनु गांव होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है।

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