आपने अब तक भारत के कई मंदिरों के दर्शन किए होंगे और सभी मंदिर अपने आप में कोई न कोई विशेषता रखता है। आज हम जिस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं वह दुनिया भर में अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।
यह तमिलनाडु के वेल्लूर में बना देवी महालक्ष्मी का मंदिर है। इस मंदिर की खासियत यह है कि इसे 15000 किलो सोने से बनाया गया है और इसी वजह से इसे दक्षिण भारत का स्वर्ण मंदिर भी कहा जाता है।
रात के समय जब इस मंदिर में प्रकाश किया जाता है तब यह और भी अधिक खूबसूरत दिखाई देता है। इस मंदिर को सुबह 4 से 8 बजे तक अभिषेक के लिए और सुबह 8 से रात के 8 बजे तक दर्शन के लिए खोला जाता है।
इस मंदिर को और खूबसूरत बनाने के लिए इसके बाहरी क्षेत्र को सितारे का आकार दिया गया है। इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि विश्व में किसी भी मंदिर के निर्माण में इतना सोना नहीं लगा है जितना की इस मंदिर में लगा है।
बता दें अमृतसर के गोल्डन टेम्पल में सिर्फ 750 किलो लगा है। इस मंदिर को सोने से बनाने में 7 साल का समय लगा था। यह मंदिर 100 एकड़ जमीन पर बना हुआ है।
महालक्ष्मी मंदिर को बनाने में लगभग 15000 किलो शुद्ध सोने का इस्तेमाल हुआ है। इस स्वर्ण मंदिर को बनाने में 300 करोड़ से भी ज्यादा राशि का इस्तेमाल हुआ था। महालक्ष्मी मंदिर में हर एक कलाकृति हाथों से बनाई गई है।
जब रात में इस मंदिर के अंदर प्रकाश किया जाता है तो सोने की चमक देखने वाली होती है। इस मंदिर को 24 अगस्त 2007 में दर्शन के लिए खोला गया था।
रात के समय यहां भक्तों की संख्या ज़्यादा रहती है क्योंकि इस वक्त सोने से बने पूरे मंदिर को रोशनी से जगमगाया जाता है जो कि बहुत अद्भुत नज़ारा होता है।
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