गोल्डन रिट्रीवर कुत्तों की सबसे पसंदीदा नस्लों में से एक है। इस नस्ल के कुत्ते बहुत सहनशील और बुद्धिमान होते हैं। गोल्डन रिट्रीवर नस्ल के कुत्ते खेलकूद में बहुत तेज़ होते हैं। गोल्डन रिट्रीवर नस्ल के कुत्ते बच्चों वाले घर में अधिक पसंद किये जाते हैं।
गोल्डन रिट्रीवर को भारत में बहुत पसंद किया जाता है, क्योंकि ये बच्चों के साथ जल्दी घुल मिल जाने और खेलने कूदने के लिए जाने जाते हैं। इनकी खास बात यह भी है कि ये कुत्ते अपने मालिकों के साथ घूमना और उनके पैरों पर सोना पसंद करते हैं।
गोल्डन रिट्रीवर का स्वभाव
गोल्डन रिट्रीवर एक शांत और मधुर स्वभाव वाली नस्ल है। गोल्डन रिट्रीवर को सभ्य और आज्ञाकारी बनाने के लिए इसे छोटी उम्र से ही जरूरी ट्रेनिंग देना बहुत आवश्यक होता है। इन्हें प्रशिक्षित करना बहुत आसान होता है।
गोल्डन रिट्रीवर अपने मालिक और परिवार के प्रति बहुत वफादार और समर्पित होते हैं तथा अपने मालिक की आज्ञा का पूर्ण रूप से पालन करते हैं। यह एक फैमिली डॉग ब्रीड है । इसे आप अकेले एक स्थान पर बांध कर नहीं रख सकते ऐसा करने पर यह मायूस और उदास हो जाते हैं।
शारीरिक संरचना
गोल्डन रिट्रीवर एक मध्यम आकार वाली नस्ल है। इनका सिर मध्यम आकार का होता है तथा आंखे गहरी और अंदर की ओर होती हैं । थूथन चौड़ा और मजबूत होता है। कान सिर के समांतर में सामने की ओर लटके हुए होते हैं।
गोल्डन रिट्रीवर की पूछ लंबी होती है जो घने बालों से ढकी हुई होती है। इस नस्ल के कुत्ते मुख्य रूप से गोल्डन और क्रीम कलर में ही देखने को मिलते हैं।
एक व्यस्क गोल्डन रिट्रीवर का वजन 25–35 किलोग्राम एवम हाईट 55–61 सेंटीमीटर तक हो सकती हैं। मादा आम तौर पर नर की तुलना में थोड़ी छोटी होती है।
भोजन
भोजन की मात्रा और किस्म, कुत्ते की उम्र और उसकी नस्ल पर निर्भर करती है। छोटी नस्लों को बड़ी नस्ल के मुकाबले भोजन की कम मात्रा की आवश्यकता होती है।
भोजन उचित मात्रा में दिया जाना चाहिए नहीं तो कुत्ते सुस्त और मोटे हो जाते हैं। संतुलित आहार जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स, फैट, प्रोटीन, और विटामिन शामिल हैं, पालतू जानवरों को स्वस्थ और अच्छे आकार में रखने के लिए आवश्यक होते हैं।
कुत्ते को 6 आवश्यक तत्व जैसे फैट, खनिज, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट्स, पानी और प्रोटीन की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही इन्हें सारा समय साफ पानी की आवश्यकता होती है।
पिल्ले को 29 प्रतिशत प्रोटीन और प्रौढ़ कुत्ते को आहार में 18 प्रतिशत प्रोटीन की जरूरत होती है। हम उन्हें ये सारे आवश्यक तत्व उच्च गुणवत्ता वाले सूखा भोजन देकर दे सकते हैं। इन्हें दिन में दो बार 2-3 कप उच्च गुणवत्ता वाला सूखा भोजन देना चाहिए।
कुत्ते को खाने में क्या क्या नहीं देना चाहिए यह जानने के लिए आप ये पोस्ट पढ़ सकते हैं।
पढ़ें : पैट गाइड: कुत्ते को भूल कर भी खाने को न दें ये चीज़ें, हो सकतीं है घातक
स्वास्थ्य
गोल्डन रिट्रीवर्स आम तौर पर स्वस्थ नस्ल है लेकिन बाकी अन्य नस्लों की तरह ही यह भी कुछ अनुवांशिक स्वास्थय समस्यायों से प्रभावित होते हैं जोकि इन्हें अपने पूर्वजों द्वारा विरासत (genetics) में मिली हैं। जिनमें एलर्जी, आंखों की समस्याएं और कभी-कभी चिड़चिड़ापन भी शामिल है।
इस नस्ल में असामान्य रूप से कैंसर होने का खतरा रहता है, संयुक्त राज्य अमेरिका के एक अध्ययन में लगभग 50% मृत्यु का कारण कैंसर पाया गया है, जो अध्ययन में दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
देख रेख
- कुत्ते को रहने के लिए हवादार, साफ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करें। आश्रय बारिश, हवा और आंधी से सुरक्षित होना चाहिए।
- कुत्ते के लिए 24 घंटे साफ पानी उपलब्ध होना चाहिए। पानी को साफ रखने के लिए बर्तन को आवश्यकतानुसार दिन में कम से कम दो बार या इससे अधिक बार साफ करना चाहिए।
- सप्ताह में दो बार बालों को कंघी करें, प्रतिदिन ब्रशिंग करें। छोटे बालों वाली नस्ल के लिए सिर्फ ब्रशिंग की ही आवश्यकता होती है लेकिन लंबे बालों वाली नस्ल के लिए ब्रशिंग के बाद कंघी करना आवश्यक होता है।
- कुत्तों को 10-15 दिनों में एक बार नहलाना चाहिए। नहलाने के लिए औषधीय शैंपू का इस्तेमाल करें।
- स्वस्थ पिल्लों के लिए गर्भवती मादा की उचित देखभाल करना बहुत आवश्यक होता है। गर्भकाल के समय या पहले उचित अंतराल पर टीकाकरण अवश्य लगवाना चाहिए। गर्भकाल का समय लगभग 55-72 दिन का होता है। गर्भकाल के समय के दौरान अच्छा आहार, वातावरण, व्यायाम और उचित जांच आवश्यक होती है।
- पिल्लों के जीवन के कुछ हफ्तों के लिए उनकी प्राथमिक गतिविधियों में अच्छे वातावरण, आहार और अच्छी आदतों का विकास शामिल है। कम से कम 2 महीने के नवजात पिल्ले को मां का दूध बहुत आवश्यक होता हैं और यदि मां की मृत्यु हो गई हो या किसी भी मामले में पिल्ला अपनी मां से अलग हो जाए तो शुरूआती फीड या पाउडरड दूध पिल्ले को दिया जाता है।
- हर 6-12 महीनों के बाद कुत्ते के दांतों की जांच करवाना आवश्यकता होता है।
- पालतू जानवरों को नियमित टीकाकरण और डीवॉर्मिंग की आवश्यकता होती है ताकि उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं ना हों।
पढ़ें : पैट गाइड: कुत्ते की देखभाल के लिए ज़रूरी बातें और सावधानियाँ
पिल्ले का चयन करते समय सावधानियां
पिल्ले का चयन आपकी जरूरत, उद्देश्य, उसके बालों की खाल, लिंग और आकार के अनुसार किया जाना चाहिए। पिल्ला वह खरीदें जो 8-12 सप्ताह का हो।
पिल्ला खरीदते समय उसकी आंखे, मसूड़े, पूंछ और मुंह की जांच करें। आंखे साफ और गहरी होनी चाहिए, मसूड़े गुलाबी होने चाहिए और पूंछ तोड़ी हुई नहीं होनी चाहिए और दस्त के कोई संकेत नहीं होने चाहिए।
कीमत
भारत में एक गोल्डन रिट्रीवर डॉग की कीमत 15,000 रुपये से 30,000 रुपये है।