Wednesday, April 17, 2024
35.4 C
Chandigarh

क्यों पितृपक्ष में कौए को दिया जाता है भोजन, जानिए क्या है महत्व

पितृपक्ष शुरू हो चुके हैं। अपने पूर्वजों को स्मरण करने, श्रद्धा और भक्ति से उन्हें सेवा करने और जल तर्पण करने का समय चल है। इस समय पितरों को जल देकर और कौवों को भोजन देकर उन्हें तृप्त कराया जाता है। इस दौरान कौवे का आना और भोजन ग्रहण करना शुभ होता है।

महत्व

पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध में भोजन का एक अंश कौओं को भी दिया जाता है। पितृपक्ष में कौओं को भोजन देने का विशेष महत्व होता है। ​कौआ यमराज का प्रतीक माना जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कौआ आपके श्राद्ध का भोजन ग्रहण कर लेता है, तो आपके पितर आपसे प्रसन्न और तृप्त माने जाते हैं। यदि कौआ भोजन नहीं करता है तो इसका अर्थ है कि आपके पितर आपसे नाराज़ और अतृप्त हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कौओं को देवपुत्र माना जाता है। व्य​क्ति जब शरीर का त्याग करता है और उसके प्राण निकल जाते हैं तो वह सबसे पहले कौआ का जन्म पाता है। माना जाता है कि कौए को दिया गया भोजन पितरों को ही प्राप्त होता है।

कौआ अतिथि के आने की सूचना देने वाला तथा पितरों का आश्रम स्थल माना गया है। ऐसी भी मान्यता है कि कौए ने अमृत का पान कर लिया था, जिससे उसकी स्वाभाविक मौत नहीं होती है।

माता सीता से जुड़ी है यह कथा

एक मान्यता के अनुसार त्रेता युग में जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मारकर उनको कष्ट पहुंचाया था।

यह देखते ही प्रभु श्रीराम उस कौए पर क्रोधित हुए और उन्होंने तिनके को अस्त्र बनाकर उसकी एक आँख पर प्रहार किया, जिससे उसकी एक आँख क्षतिग्रस्त हो गई।

पश्चाताप होने पर कौए रुपी जयंत ने अपने अपराध के लिए प्रभु श्रीराम से क्षमा मांगी। तब प्रभु ने उसके उस रूप को वरदान दिया कि उसे अर्पित किया गया भोजन पितरों को मिलेगा। तभी से श्राद्ध में कौवों को भोजन कराया जाता है।

यह भी पढ़ें :-

जानिए कब से शुरू हो रहे हैं श्राद्ध, कौन कहलाते हैं पितर

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR

RSS18
Follow by Email
Facebook0
X (Twitter)21
Pinterest
LinkedIn
Share
Instagram20
WhatsApp