कोरोना वायरस के चलते कई बड़े संकट हमारे सामने आए कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा परन्तु साथ हमारे जीवन में कुछ बदलाव भी हुए है जैसे:-
मास्क बना जिंदगी का हिस्सा
जब तक कोरोना की दवाई नहीं आ जाती है तब तक लोगों ने यह मान लिया है कि मास्क ही जिंदगी है। अब तो लोगो ने इसे अपने पहनावे में भी शामिल कर लिया है।
सुरक्षा में भी स्टाइल जरुरी
सुरक्षा के दौरान भी लोगो ने स्टाइल के साथ कोई समझौता नहीं किया। यही वजह है कि एक से बढ़कर एक स्टाइलिश मास्क बाजार में मिलने लगे।
घर बने ऑफिस
कोरोना की वजह से देशभर में 24 मार्च को लॉकडाउन लगा दिया गया। जिसके बाद कंपनियों ने कर्मचारियों के घरों को ही ऑफिस बना दिया।
वर्क फ्रॉम होम का यह कल्चर तब तक जारी रहेगा जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आ जाती। वर्क फ्रॉम होम के कल्चर ने ये साबित किया कि घरों से भी दफ्तर चलाया जा सकता है।
घर में क्लास
लॉकडाउन लगने के बाद देश में शिक्षा से जुड़े सभी संस्थानों को बंद कर दिया गया जिनमें से अधिकांश अभी भी बंद हैं। ऐसे में ऑनलइन शिक्षा की व्यवस्था की गई और तब जाकर शिक्षा व्यवस्था पटरी पर लौटी।
ऑडिट और मार्केटिंग की शीर्ष एजेंसी के पी एम जी और गूगल ने ‘भारत में ऑनलाइन शिक्षाः 2021′ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें 2016 से 2021 की अवधि के दौरान भारत में ऑनलाइन शिक्षा के कारोबार में आठ गुना की अभूतपूर्व वृद्धि आंकी गयी हैं l
2016 में ये कारोबार करीब 25 करोड़ डॉलर का था और 2021 में इसका मूल्य बढ़कर करीब दो अरब डॉलर हो जाएगा l
शिक्षा के पेड यूजरों की संख्या 2016 में करीब 16 लाख बताई गयी थी, 2021 में जिनके करीब एक करोड़ हो जाने की संभावना है l
मानव स्वभाव में बदलाव
कोरोना की वजह से जब लॉकडाउन लगा तो लोगों को यह एहसास हुआ कि समाज कितना जरुरी है।
मदद :- सब कुछ पाने की होड़ में लगे लोग इतने व्यस्त हो गए है कि उन्हें यह भी मालूम नहीं रहता कि उनके आसपास क्या हो रहा है। ऐसे वक्त में वे लोग भी मदद के लिए आगे आए जिन्हें समाज से कोई मतलब नहीं रहता था।
डर :- कोरोना की वजह से लोग इतने डर गए है कि वे अपने माता- पिता के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुए।
बचत :- जरुरी सामानों की दुकानों को छोड़ दिया जाये तो लॉकडाउन के दौरान लगभग सभी दुकानें बंद पड़ी थी। साथ ही लोगों के बाहर निकलने पर भी पाबन्दी थी।
लोग चाह कर भी घर से बाहर नहीं निकल पाए। लॉकडाउन के दौर में मॉल, सनेमाहॉल, रेस्टोरेंट जैसे सेवाएं बंद हो गई जिससे लोगों का पैसा बचने लगा।
कैशलैस ट्रांजैक्शन
पहले 21 डे लॉक डाउन पीरियड में 42 प्रतिशत भारतियों ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम का उपयोग किया। यूजर्स ने आवश्यक चीज़े खरीदने और मोबाइल रिचार्ज के लिए ज़्यादातर पेमेंट्स ऑनलाइन की। पेमेंट के लिए सबसे ज़यादा इस्तेमाल पे.टी.एम.और गूगल पे का किया गया।
इस दौरान 33 % यूजर्स ने पे.टी.एम., 14 % गूगल पे, 4 % फ़ोन पे, 10 % ऐमज़ॉन पे, 6 % भीम का उपयोग किया है। वहीं 33 % अन्य एप्प का उपयोग हुआl