इस बार, स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को भारत की केंद्र सरकार ने सभी नागरिकों को सलाह दी है, कि वह प्लास्टिक के बने ‘ तिरंगे ‘ का उपयोग ना करे । देश के सभी राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों को भी इस नियम का सख्ती से अनुपालन करने के लिए कहा गया है, अगर कोई स्वतंत्रता दिवस पर प्लास्टिक के ‘तिरंगे ‘ का उपयोग करता है, तो उसे आजादी के बजाय सजा मिल सकती है.
राज्य और केंद्र शाषित प्रदेशों को भेजी गई सलाहकार में गृह मंत्रालय ने कहा है, कि ‘तिरंगा’ भारत के लोगों की अपेक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए देश के तिरंगे को सम्मान देना हमारा फ़र्ज़ बनता है।
मंत्रालय ने कहा , कि यह उनके नोटिस में आया है, कि स्वतंत्रता दिवस को महत्वपूर्ण समारोहों में प्लास्टिक के तिरंगे का उपयोग किया जाता है, जो की किसी अपराध से कम नहीं, क्योंकि भारत में प्लास्टिक की किसी भी वस्तु के उपयोग करने पर प्रतिबंध लगा हुआ है, और प्लास्टिक के तिरंगे स्वाभाविक रूप से नष्ट नहीं होते हैं, इसलिए स्वतंत्रता दिवस को इनका उपयोग ना किया जाए.
अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रीय तिरंगे का अपमान करता है या फिर स्वतंत्रता दिवस को प्लास्टिक के बने तिरंगे का उपयोग करता है, तो उसको राष्ट्रीय सन्मान के अपमान में नियम-1971 की धारा-2 के अनुसार 3 साल की जेल सजा के तौर पर हो सकती है. फ्लैग कोड ऑफ़ इंडिया-‘2002 ‘ की धारा के अनुसार स्वतंत्रता दिवस को कागज़ के बने तिरंगो का ही उपयोग भारत के नागरिकों को करना होगा.
क्या आपने देखी है कभी टनल ऑफ़ लव