अजवाइन एक भारतीय मसाला है। अनेक प्रकार के गणों से भरपुर अजवाइन पाचक, रुचि कारक, तीक्षण, पित्तकारक तथा शूल, वात, कफ तथा कृमि का नाश करने वाली होती है। अजवाइन की पत्ती में एंटी बैक्टीरियल गुण है जोकि संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
आमतौर पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं जैसे अपच, पेट फूलना और पेट के दर्द के लिए एक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।
इसके बीजों में कार्मिनेटिव, एंटीमाइक्रोबियल और लीवर प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। यह रक्तचाप कम करने और ब्रोन्कोडायलेटरी (पदार्थ जो फेफड़ों में वायु प्रवाह को बढ़ाता है) गुणों के लिए भी जाना जाता है।
इस पोस्ट में हम आपको इसके फायदे, नुकसान और उपयोग के बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए शुरू करते हैं:-
गैस और कब्ज
गैस और कब्ज की समस्या किसी को भी हो सकती है। ऐसे में अजवाइन इस समस्या के लिए असरदार साबित हो सकती है। इसमें एंटीस्पास्मोडिक और कार्मिनेटिव गुण पाए जाते हैं, जो गैस के प्रभाव को कम करने के लिए दवाई का काम करती है।
साथ ही, इसमें थाइमोल नामक कंपाउंड भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसका उपयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की बीमारियों से राहत पाने के लिए किया जाता है।
अस्थमा के लिए
अजवाइन का ब्रोन्कोडायलेटिंग प्रभाव फेफड़ों में ब्रोन्कियल नलियों को फैलाता है और हल्के अस्थमा के मामले में राहत देता है। यह बढ़े हुए कफ को संतुलित करता है।
अजवाइन बलगम को आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा को काफी हद तक ठीक करने में मदद करता है।
किडनी स्टोन के लिए
अजवाइन में एंटीलिथियाटिक गुण होते हैं और यह किडनी स्टोन बनने के जोखिम को कम करता है। एक अध्ययन में कहा गया है कि अजवाइन के बीजों में मौजूद एंटीलिथियाटिक प्रोटीन कैल्शियम ऑक्सालेट और कैल्शियम फॉस्फेट दोनों को जमा होने से रोकता है और किडनी में पथरी बनने से रोकता है।
सर्दी, फ्लू और वायरल इन्फेक्शन
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड लाइफ साइंस द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि अजवाइन के बीज में लगभग 50% थाइमोल मौजूद होता है, जिसे मुख्य तौर पर एंटीबैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है।
इसके अलावा, थाइम शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को भी बढ़ाने का काम कर सकता है, जिससे जुकाम, फ्लू और अन्य वायरल इन्फेक्शन को दूर रखा जा सकता है।
वजन कम करने में सहायक
भुनी हुई अजवाइन खाने के फायदे शरीर के वजन को कम करने के लिए हो सकते हैं। एक शोध के अनुसार, अजवाइन को भूख को शांत रखने और मोटापे को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे वजन कम होता है।
नुकसान
वैसे तो अजवाइन खाने के फायदे कई होते हैं, लेकिन कई बार अजवाइन खाने के नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
- गर्भवती महिलाओं को ज्यादा मात्रा में अजवाइन का सेवन नहीं करना चाहिए, इसकी तासीर गर्म होती है। इसकी वजह से शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, जिसके कारण स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए गर्भवती महिलाओं को जितना हो सके अजवाइन के सेवन को अधिक मात्रा में अवॉयड करना चाहिए।
- अजवाइन में रक्त को पतला करने का गुण होता है और यह रक्त के थक्के को धीमा कर सकता है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि अजवाइन या इसके सप्लीमेंट्स के साथ-साथ ब्लड क्लॉटिंग को धीमा करने वाली दवाओं से भी परहेज करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि इससे रक्तस्राव की संभावना बढ़ सकती है
- लीवर की बीमारी के रोगियों को इसका उपयोग सावधानी से करना चाहिए क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है।
उपयोग
- अजवाइन, सेंधा नमक, सेंचर नमक, हींग और सूखे आंवले को बराबर मात्रा में लेकर अच्छी तरह पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम शहद के साथ चाटने से खट्टी डकारें आना बंद हो जाती है।
- एसिडिटी की तकलीफ है तो थोड़ी अजवाइन और जीरा एक साथ भून लें। फिर इसे पानी में उबाल कर छान लें। इसमें चीनी मिलाकर पिएं एसिडिटी से राहत मिलेगी।
- अजवाइन, सोंठ पाऊडर और काला नमक 2-2 और 1 के अनुपात में मिलाएं। भोजन करने के बाद एक चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें तो पेट दर्द व गैस की समस्या में आराम मिलेगा।
- इसके तेल की कुछ बूंदें गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मसूड़ों की सूजन कम होती है। भुनी हुई इसका मंजन करने से मसूढ़ों के रोग मिट जाते हैं।
- जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल में अजवाइन डालकर अच्छे से गर्म करें व छान लें। इससे जोड़ों की मालिश करें। इससे दर्द से आराम होगा।
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