मानसून कई लोगों के लिए सबसे पसंदीदा मौसमों में से एक है। जहां मौसम में हरियाली पनपती है, वहीं सुरम्य परिदृश्य देखने लायक होते हैं।
भारत में हजारों वाटरफॉल है। वाटरफॉल को झरना और जल प्रपात भी कहते हैं। बारिश में इन झरनों को देखना बहुत ही शानदार होता है। ऐसा ही एक खूबसूरत झरना महाराष्ट्र में भी है और इस झरने की खास बात यह है कि, उल्टा बहता है।
प्रकृति के इस नज़ारे को देखने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं। आज इस पोस्ट में हम रिवर्स जलप्रपात के रूप में जानी जाने वाली शानदार प्राकृतिक रचना के बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए जानते हैं :-

कहाँ पर है झरना
नानेघाट पश्चिमी घाट में दक्कन के पठार में कोंकण तट और प्राचीन शहर जुन्नार के बीच एक पहाड़ी दर्रा है। यह मुंबई से लगभग तीन घंटे की दूरी पर है।
मानसून के दौरान यहां आना सबसे बेहतर माना जाता है। क्योंकि, रिवर्स वॉटरफॉल की अजीब प्रक्रिया इसी वक्त देखी जाती है और इस दौरान यहां हवाएं भी काफी तेज चलती है।
अक्सर ऐसी हैरत में डाल देने वाली चीजों को देखकर हम उसे चमत्कार या जादू समझने लगते हैं, पर हर किसी चीज के पीछे कुछ न कुछ वैज्ञानिक कारण तो होता ही है।
इस झरने के पीछे का कारण है कि जैसा हमें मालूम है कि ऊंचाई पर हवा तेज चलती है, यहां इस पहाड़ से टकराकर हवा ऊपर की और उठ जाता है।
जब हवा का ऊपर की ओर लगने वाला बल गुरुत्वाकर्षण बल के बराबर या अधिक हो जाता है तो पानी ऊपर की ओर उठ जाता है।

