वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर कहाँ होना चाहिए? जाने कुछ नियम
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले ईश्वर का आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है। प्रत्येक घर में भगवान के मंदिर की अपनी एक विशेष जगह होती है।
सभी घर के मंदिर को अपनी श्रद्धा और भक्तिभाव से सजाते हैं, लेकिन आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे वास्तु शास्त्र के मुताबिक पूजा घर कहाँ होना चाहिए, और कौन से नियम का पालन करना चाहिए ।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर कहाँ होना चाहिए:
वास्तु शास्त्र के अनुसार नॉर्थ-ईस्ट दिशा का स्वामी बृहस्पति होता है। इसे ईशान कोण भी कहा जाता है। ईशान यानी ईश्वर या भगवान।
इसी वजह से यह भगवान या बृहस्पति की दिशा कहलाता है। माना जाता है कि मंदिर इसी दिशा में रखना चाहिए। इसके अलावा पृथ्वी का झुकाव उत्तर-पूर्व दिशा में भी है और धरती उत्तर-पूर्व के शुरुआती बिंदु के साथ घूमती है।
उदाहरण के लिए यह कॉर्नर रेल के इंजन की तरह है जो पूरी रेलगाड़ी को खींचता है। घर के इस एरिया में मंदिर होना भी कुछ ऐसा ही है। यह पूरे घर की ऊर्जा को खुद की ओर खींचकर उसे आगे ले जाता है।
पूजा के समय व्यक्ति का मुख किस दिशा में होना चाहिए
पूजा करते समय व्यक्ति का मुख पूर्व या उत्तर दिशा ( East or North Direction ) में ही होना चाहिए। इस दिशा में मुख करके पूजा करने से पूजा का फल उत्तम तथा शत-प्रतिशत प्राप्त होता है।
पूजा स्थान से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बातें
- पूजा घर के पूर्व या पश्चिम दिशा में देवताओं की मूर्तियां होनी चाहिए।
- मूर्तियों का मुख उत्तर या दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए।
- देवताओं की दृष्टि एक-दूसरे पर नहीं पड़नी चाहिए।
- पूजा घर के खिड़की व दरवाजे पश्चिम दिशा में न होकर उत्तर या पूर्व दिशा में होने चाहिए।
- पूजा घर के दरवाजे के सामने देवता की मूर्ति रखनी चाहिए।
- पूजा घर में बनाया गया दरवाजा लकड़ी का नहीं होना चाहिए।
- घर के पूजा घर में गुंबज, कलश इत्यादि नहीं बनाने चाहिए।
- वास्तु के अनुसार जिस जगह भगवान का वास रहता है, उस दिशा में शौचालय, स्टोर इत्यादि नहीं बनाए जाने चाहिए।
- पूजा घर के ऊपर या नीचे भी शौचालय नहीं बनाना चाहिए।
- वास्तुशास्त्र के अनुसार बेडरूम में पूजा घर नहीं बनाना चाहिए।
- पूजा घर के लिए प्राय: हल्के पीले रंग को शुभ माना जाता है, अतः दीवारों पर हल्का पीला रंग किया जा सकता है।
- फर्श हल्के पीले या सफेद रंग के पत्थर का होना चाहिए। इन कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर पूजा घर बनाया जाना चाहिए। जो हमें सुख-समृद्धि के साथ-साथ हमारे जीवन को खुशहाल और हमें हर तरह से संपन्न बनाते है।