योग मन और शरीर को स्वस्थ रखने की प्राचीन तकनीक है जो पूरे विश्व भर में लोकप्रिय है। इसके विभिन्न फायदे हैं। यह एक ऐसी प्रणाली है जो शारीरिक तंदुरुस्ती, दिमागी संतुलन, सकारात्मक सोच और खुशहाली लाती है।
यह मात्र कुछ आसनों, प्राणायामों तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक समग्र जीवनशैली है जो हमारे शरीर को मजबूत और कई बीमारियों से दूर भगाती है।
प्रमुख जीवनशैली के चलते हम तनाव से गुजरते हैं जिससे दिलों की अनेक बीमारियां पैदा होती हैं। योग ब्लड प्रैशर और कोलेस्ट्राल को कम करता है। यह हार्ट रेट को भी सुधारता है।
आज के हमारे इस लेख में हम आपको कुछ आसनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं, तो चलिए जानते हैं :-
भुजंग आसन (कोबरा पोज)
भुजंगासन को सर्पासन, कोबरा आसन या सर्प मुद्रा भी कहा जाता है। इस मुद्रा में शरीर सांप की आकृति बनाता है। ये आसन जमीन पर लेटकर और पीठ को मोड़कर किया जाता है। जबकि सिर सांप के उठे हुए फन की मुद्रा में होता है।
हृदय के स्वास्थ्य के लिए भुजंग आसन एक जीवंत पोज है। इस आसन का रक्त और रक्तवाही प्रणाली पर सकारात्मक असर पड़ता है। इसके नियमित अभ्यास से हृदय का कार्य सुधरता है जिससे रक्त वाहिकाओं के लचीलेपन को फिर से पाया जा सकता है।
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वृक्षासन (ट्री पोज)
इस योग को करने से बच्चों की लम्बाई बढ़ती है। ऐसे में ग्रोइंग स्टेज के बच्चों को वृक्षासन करने की जरूर सलाह दें। इससे पैर और हाथों की मांसपेशियों में खिंचाव आता है जो लंबाई बढ़ाने में बेहद ही फायदेमंद होता है। इस योग को ध्यान योग भी कहा जाता है क्योंकि इस योग को करने वक्त ध्यान और एकाग्रता की जरूरत होती है।
वृक्षासन से सशक्त संतुलित दशा पाई जा सकती है। यह कंधों का विस्तार करता है तथा हृदय को खोलता है जिससे व्यक्ति अपने आपको सहज महसूस करता है।
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उत्कटासन (चेयर पोज)
यह आसन शरीर में स्थिरता लाता है। इसके साथ-साथ दिमाग के लिए भी फायदेमंद है। यह सहनशीलता को भी बढ़ाता है इससे हृदय तथा श्वासन दर भी ठीक होती है। यह आसन छाती के लचीलेपन को बढ़ाता है तथा हृदय को उत्तेजित भी करता है। इसके साथ-साथ उत्कटासन रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है।
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त्रिकोनासन (ट्राएंगल पोज)
त्रिकोनासन एक खड़ायोग आसन है जो हृदय की हालत और रक्त वाहिकाओं को सुधारता है। यह आसन उपचारात्मक और निवारक है इसलिए दिल की बीमारियों से जूझ रहे रोगियों तथा स्वस्थ लोगों के लिए फायदेमंद है। ये शारीरिक और मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में भी मदद करता है।
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सेतु बंधासन (ब्रिज पोज)
इस आसन से हृदय तथा फेफड़ों में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी तथा छाती को फैलाता है। दिमाग तथा शरीर में यह धीरता पैदा करता है। इन आसनों के अतिरिक्त अनुलोम-विलोम तथा भ्रामरी प्राणायाम भी स्वास्थ्य रोगों के लिए फायदेमंद हैं।
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