सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। ‘सूर्य नमस्कार’ स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है।
सूर्य नमस्कार हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में बेहद फायदेमंद है। सदियों काल से लोग भगवान सूर्य की पूजा करते आ रहे है। शास्त्रों में भी इनकी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
स्वास्थ्य के नजरिए से देखा जाए, तो सूर्य की किरणों से आने वाला विटामिन डी हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ गंभीर बीमारियों को भी दूर करने में मदद करता है।
सूर्य नमस्कार के लाभ
सूर्य नमस्कार से हृदय, यकृत, आँत, पेट, छाती, गला, पैर शरीर के सभी अंगो के लिए बहुत से लाभ है। सूर्य नमस्कार सिर से लेकर पैर तक शरीर के सभी अंगो को बहुत लाभान्वित करता है। यही कारण है कि सभी योग विशेषज्ञ इसके अभ्यास पर विशेष बल देते हैं।
सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर, मन और आत्मा सबल होते हैं। पृथ्वी पर सूर्य के बिना जीवन संभव नहीं है। सूर्य नमस्कार के शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक कई लाभ हैं।
तो चलिए जानते हैं सूर्य नमस्कार करने से होने वाले फायदों के बारे में :-
ग्लोइंग स्किन
सूर्य नमस्कार आपके ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे आपकी त्वचा और आपके चेहरे का ग्लो वापस आता है। यह झुर्रियों और जल्दी बुढ़ापा रोकने में भी मदद करता है।
तनाव और अवसाद को दूर रखता है
सूर्य नमस्कार चिंता और निराशा को दूर रखने में मदद करता है और शरीर की शिथिलता को बढ़ाता है। सूर्य नमस्कार करने से तंत्रिका तंत्र शांत होता है और इसके साथ-साथ थॉयरायड ग्लैंड की कार्यप्रणाली नार्मल होती है। इससे मानसिक तनाव की समस्या से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा सूर्य नमस्कार से हमारी स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है।
पीरियड्स रेगुलर होता है
स्त्रियों द्वारा नियमित सूर्य नमस्कार करने से उनके अनियमित मासिक चक्र नियमित हो जाता है। पेट की मसल्स को मजबूत बनाने के लिए हर रोज सूर्य नमस्कार करें।
शरीर में लचीलापन आता है
सूर्य नमस्कार के आसन से पूरे शरीर का वर्कआउट होता है। इससे शरीर फ्लेक्सिबल होता है।
ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है
सूर्य नमस्कार करने से शरीर में रक्त प्रवाह तेज होता है, जो रक्त नलिकाओं को साफ़ कर ब्लड प्रेशर को कम करता है। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को सावधानी के तौर पे सूर्य नमस्कार नहीं करने चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा
यदि आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करते हैं, तो आप न केवल अपने शारीरिक रूप में बल्कि अपने मानसिक रूप में भी स्व्स्थ रहेंगे। यह मेमोरी और नर्वस सिस्टम में सुधार करने में मदद करता है। यह आपको शांत करने और चिंता से छुटकारा पाने में भी मदद करता है।
बेहतर डाइजेस्टिव सिस्टम
सूर्य नमस्कार आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम में ब्लड के फ्लो को बढ़ाता है, जिससे आपकी आंतों की बेहतर कार्यप्रणाली सुनिश्चित होती है।
शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है
सूर्य नमस्कार करते वक्त हवा फेफड़ों में तेजी से अंदर-बाहर होती है। इससे ऑक्सीजन तेजी से रक्त कोशिकाओं के साथ मिलकर शरीर के सभी हिस्सों में पंहुचता है और वहां से कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकाल फेंकता है।
इसके फलस्वरूप हमारा शरीर डिटॉक्स हो जाता है। इसके अलावा सूर्य नमस्कार करने से पसीने के साथ भी कुछ हानिकारक तत्व शरीर से बाहर निकल जाता है।
रीढ़ की हड्डी को मिलती है मजबूती
सूर्य नमस्कार के दौरान स्ट्रेचिंग से मांसपेशी और लीगामेंट के साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और कमर लचीला होती है l
अनिद्रा से बचाएं
सूर्य नमस्कार आपके सोने के तरीके को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। यह आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है, जिससे आपको रात में बेहतर और अधिक शांतिपूर्ण नींद मिलती है।
इन्हें नहीं करना चाहिए सूर्य नमस्कार
- गर्भवती महिला तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर दें।
- हर्निया और उच्च रक्ताचाप के मरीजों को सूर्य नमस्कार नहीं करने की सलाह दी जाती है
- पीठ दर्द की समस्या से ग्रस्त लोग सूर्य नमस्कार शुरू करने से पहले उचित सलाह जरूर लें।
- महिलाएं पीरियड के दौरान सूर्य नमस्कार और अन्य आसन न करें।
यद्यपि सूर्य नमस्कार दिन के किसी भी समय किया जा सकता है, सबसे उपयुक्त और लाभकारी समय सूर्योदय के समय होता है, जब सूर्य की किरणें आपके शरीर को पुनर्जीवित करती हैं और आपके दिमाग को तरोताजा कर देती हैं।