कहानियाँ सुनना किसे अच्छी नहीं लगता? पिछले दशक तक हम अक्सर घरों में दादी-नानी द्वारा कहानियाँ सुने जाने के क़िस्से सुना करते थे। हालाँकि यह प्रचलन अब लगभग विलुप्त हो गया है।
आज के दौर में बच्चों का अधिकतर समय मोबाइल पर बीत रहा है जो उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए बिलकुल भी ठीक नहीं है। बच्चों में इस आदत को दूर करने का सबसे आसान तरीक़ा उनमें पढ़ने की आदत को विकसित करना है।
बच्चों का मानसिक विकास कहानियां, चित्रकथाएं, पढ़ने और पहेलियां सुलझाने के साथ ही माता-पिता और शिक्षकों से बेझिझक बातचीत करने से बढ़ता है।
आज इस पोस्ट में हम कुछ ऐसी ही कहानियों की किताबों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें बच्चों को पढ़ने या सुनाने से उनमें हर तरह का ज्ञान और जानकारी का विकास होता है।
तो चलिए जानते हैं ;-
अकबर-बीरबल
जब भी बुद्धिमत्ता, चतुराई की बात होती है, तो सबसे पहला नाम बीरबल का आता है। वहीं, अकबर-बीरबल की जुगलबंदी किसी से छुपी नहीं है।
ऐसा कहा भी जाता है कि बीरबल को बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक अनमोल रत्न माना जाता था। अकबर-बीरबल से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, जो हर किसी को गुदगुदाती हैं।
साथ ही एक खास सीख भी दे जाती हैं। अकबर-बीरबल की कहानियां हमेशा से सभी के लिए प्रेरणादायक रही हैं। बीरबल ने अपनी चतुराई और बुद्धिमता से कई बार बादशाह अकबर के दरबार में आए मुश्किल मामलों को सुलझाया।
अलिफ लैला
अलिफ लैला अरब देशों की कहानियों का एक ऐसा संग्रह है, जिसमें प्रेम, धोखा, ग़म, ख़ुशी, सुख-दुख और वास्तविकता का अद्भुत समन्वय मिलता है।
ये शब्द अरबी भाषा के ‘अलफ लैला’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है – एक हजार रातें। अलिफ लैला की कहानियां बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के बीच लोकप्रिय हैं।
इसी में अलीफ लैला सिंदबाद की कहानियां भी शामिल हैं। एक जमाने में तो इसकी कहानियां बच्चों के मनोरंजन का प्रमुख साधन हुआ करती थीं। ये कहानियां न सिर्फ उनका मनोरंजन करेंगी, बल्कि उनका बौद्धिक विकास और तार्किक शक्ति को भी सुदृढ़ करेंगी।
पंचतंत्र
पंचतंत्र की कहानियां भारतीय इतिहास की सबसे पुरानी कहानियों में से एक हैं। ये कहानियां पांच भागों में लिखी जाती हैं। जिन्हें जानवर के पात्रों से बयां किया जाता है।
ये कहानियां बेहद आम विषयों पर लिखी जाती हैं। आपने भी नानी और दादी से ऐसी कई कहानियां बचपन में सुनी होंगी।
तेनाली रामा
भारत में ऐसे कई महान ज्ञानी हुए हैं, जिनकी बुद्धिमत्ता का लोहा हर किसी ने माना है। उनके व्यक्तित्व व चतुराई से जुड़े किस्से हर किसी को प्रभावित व रोमांचित करते हैं।
तेनालीरामा की बुद्धिमानी से भला कौन परिचित नहीं है। तेनाली रामा की जीवनी विजयनगर नगर से ही शुरू होती है। जहां वह महाराज कृष्णदेव राय के सबसे प्रिय मंत्री हुआ करते थे।
वह उन्हें हर उलझन से निकालने में मदद करते थे। तेनाली रामा के किस्से तब भी प्रसिद्ध थे और आज भी हैं। बच्चों के मानसिक विकास के लिए तेनाली रामा की कहानियों को हमेशा अच्छा जरिया माना गया है।
राज्य पर किसी तरह की आपत्ति आने पर महाराज तेनाली रामा से ही सलाह लिया करते थे। यही नहीं तेनाली रामा से जुड़े ऐसे कई चुटीले किस्से हैं, जो न सिर्फ हर किसी को गुदगुदाते हैं, बल्कि हंसी-हंसी में एक सीख भी दे जाते हैं।
मुल्ला नसरुद्दीन
बच्चों को कहानी के किरदार हमेशा से रोमांचित और आकर्षित करते रहे हैं। वहीं, अगर कहानी के किरदार असल जिंदगी से ताल्लुक रखते हों, तो वो बच्चों के मन-मस्तिष्क पर एक अलग ही छाप छोड़ जाते हैं।
ऐसा ही एक किरदार मुल्ला नसरुद्दीन का भी है। तुर्क देश में जन्मा यह महान रचनाकार आज भी अपनी हास्य प्रवृत्ति और उनसे जुड़े किस्से, चुटकुलों और कहानियों में जिंदा है।
इसका कारण यह है कि इन्होंने अपनी बातों को कहानियों, किस्सों और चुटकुलों में इस तरह तब्दील कर दिया कि ये आज भी लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। साथ ही हंसी-हंसी में जीवन की बड़ी सीख भी दे जाते हैं।
इनकी रचनाओं में वाक्पटुता और तेज दिमाग का ऐसा बेहतरीन ताना-बाना देखने को मिलता है, जो शायद ही कहीं और देखने को मिले।
विक्रम बेताल
विक्रम बेताल की कहानियां, जिसे बेताल पच्चीसी के नाम से भी जाना जाता है। यह 25 कहानियों का संग्रह है, जिसमें कई प्ररेणादायक और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने वाली कहानियां शामिल हैं।
इन सभी कहानियों को बेताल (एक पिशाच) तब सुनाता है, जब राजा विक्रम उसे जंगल से पकड़कर एक योगी के पास ले जा रहे होते हैं।
हर बार बेताल रास्ता लंबा होने के कारण राजा विक्रम को कहानी सुनाता, जिन कहानियों का संग्रह विक्रम बेताल की कहानियों के नाम से प्रसिद्ध है।
कहानी सुनाने से पहले बेताल, राजा के सामने एक शर्त भी रखता था कि अगर कहानी खत्म होने के बाद उसने मुंह से आवाज निकाली, तो वो वापस उड़कर पेड़ से लटक जाएगा।
उधर, जब भी बेताल कहानी सुनाकर खत्म करता, तो राजा से एक सवाल पूछता और कहता, राजन अगर तुमने जवाब पता होने पर भी नहीं दिया, तो मैं तुम्हारा सिर तोड़ दूंगा।
इस वजह से राजा को मजबूर होकर जवाब देना पड़ता था और पहली शर्त के अनुसार राजा के बोलते ही बेताल वापस जाकर पेड़ से उल्टा लटक जाता था। ऐसा होते-होते बेताल ने राजा को 25 कहानियां सुनाई।
शेखचिल्ली
दादी-नानी की कहानियों में एक मजेदार नाम ‘शेखचिल्ली’ का भी आता है। शेख चिल्ली की कहानी पढ़ने वालों और सुनने वालों को ठहाका लगाने पर मजबूर करती है। माना जाता है कि शेखचिल्ली नामक व्यक्ति हरियाणा से संबंध रखता था।
वहां उसके नाम का एक मकबरा भी है। इस दिलचस्प व्यक्ति के नाम कई मजेदार कहानियां दर्ज हैं, जिसमें यह उटपटांग कारनामे करता दिखाई देता है।
शेख चिल्ली के किस्से में आप इसे कभी किसी बुरे सपने से जूझता, तो कभी ख्याली पुलाव बनाता पाएंगे। इन साहब की निडरता देखकर भी आप दंग रह जाएंगे, क्योंकि किराए के शाही कपड़े पहनकर जश्न में शरीक होने का साहस शेखचिल्ली ही दिखा सकता है।
अपने इन्हीं कारनामों के कारण शेखचिल्ली कई बार हंसी का पात्र भी बन जाता है। वहीं, शेख चिल्ली की कहानियों में आप इसकी चतुराई भी खूब देखेंगे।
शेखचिल्ली के किस्से मजेदार होने के साथ-साथ सीख देने का काम भी करते हैं। इसलिए, बच्चों के मनोरंजन के लिए शेख चिल्ली की कहानियां अच्छी मानी जा सकती हैं।
सिंहासन बत्तीसी
कहानियां सबसे ज्यादा बच्चों को पसंद होती हैं। उन्हें न सिर्फ कहानियां सुनने में मजा आता है, बल्कि उससे कई चीजें सीखते भी हैं। ऐसी ही राजा विक्रमादित्य की सिंहासन बत्तीसी की कहानियां भी हैं।
ऐसा कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य के सिंहासन पर 32 पुतलियां लगी हुई थीं, जो राजा भोज को सिंहासन बत्तीसी की कहानी सुनाती हैं।
हर पुतली महाराज विक्रमादित्य की दानवीरता और फैसले लेने के कौशल से जुड़े किस्से राजाभोज को सुनाकर उड़ जाती हैं।
इन सभी कहानियों से बच्चों का मानसिक विकास तो होगा ही, साथ ही इनसे बच्चों को कठिन परिस्थिति में सही फैसला लेने का हौसला भी मिलेगा।
इन कहानियों से बच्चों को सही और गलत का फर्क भी समझ आएगा। साथ ही उन्हें समझ आएगा कि जीवन में दान और पुण्य का क्या महत्व है।
परी कथाएं
कहानियां हमेशा से बच्चों के लिए ज्ञान और मनोरंजन का स्रोत रही हैं। बचपन में सुनी इन कहानियों में बच्चे अपने जीवन के पहले दोस्त बनाते हैं, जो उनके मन-मस्तिष्क पर अहम छाप जोड़ जाते हैं।
इनमें परियां हमेशा से बच्चों की सबसे प्रिय मित्र रही हैं और परी कथाएं की कहानियां सबसे पसंदीदा कहानियों में से एक हैं।
ये परिकथाएं बच्चों को एक जादुई दुनिया में ले जाती हैं, जहां उन्हें अपने सपनों का संसार नजर आता है, जीवन जीने की शिक्षा के साथ, अच्छाई में विश्वास करने की सीख भी मिलती है।
ये परी कथा कहानियां बचपन से ही उन्हें इस बात का एहसास करवाती हैं कि जीत हमेशा अच्छाई की होती है ।
महाभारत की कहानियां
महाभारत का युद्ध द्वापर युग में लड़ा गया। महर्षि वेदव्यास ने इस पूरी घटना को संस्कृत महाकाव्य का रूप दिया। इस महाकाव्य में कई प्रेरणादायक कहानियां शामिल हैं। ये कहानियां बच्चों को धर्म और कर्म का पालन करना सिखाती हैं।
महाभारत की कथा में बहुत से महान पात्र हैं, जिनसे बच्चों का मार्गदर्शन हो सकता है। वीर अर्जुन, भगवान श्री कृष्ण, धर्मराज युधिष्ठर, भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य, दानवीर कर्ण और महात्मा विदुर ऐसे ही कुछ चरित्र हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं ऐसी कई घटनाएं महाभारत कथा का हिस्सा हैं, जो कुछ न कुछ शिक्षा जरूर देती हैं।
इनके द्वारा आप अपने बच्चों का परिचय भारत के इतिहास और संस्कृति से करवा सकते हैं। श्रीकृष्ण की देखरेख में अर्जुन ने जितने भी निर्णय लिए वो विवेक और बुद्धि का इस्तेमाल करने के अच्छे उदाहरण हैं।
कृष्ण-अर्जुन संवाद सुनने से बच्चों में निर्णय लेने की क्षमता का विकास हो सकता है। महाभारत की कथा में श्री कृष्ण के चरित्र की मदद से आप अपने बच्चों में भगवान के प्रति आस्था पैदा कर सकते हैं।
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