भारत की महान पर्वत श्रृंखला पर कई खतरनाक सड़कें बनी हैं. यह सड़कें ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच से गुजरती हैं. इन सड़कों का उपयोग व्यापार, यात्रा और युद्ध के लिए समय-समय पर होता रहा है. इनमें से एक है लद्दाख की चांगला पर्वत से गुजरती सड़क. इसके अलावा बहुत सी ऐसी सड़कें हैं जो भारत में बहुत ऊँची जगहों पर बनी हुई हैं. यह है भारत की 13 सबसे ऊँची जगहों पर बनी सड़कों की सूची.
डूंगरी ला पास (Dungri la Pass)
डूंगरी ला पास या माना पास में भारत की सबसे ऊंची सड़क बनी है. इस सड़क की समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 5,608 मीटर(18,399 फीट) है. यह सड़क भारत को तिब्बत से जोड़ती है, डूंगरी ला पास, जांस्कर पर्वत श्रृंखला पर स्थित है.
खर्दुंग ला पास(Khardung la Pass)
खर्दुंग ला पास (Khardung la Pass), जम्मू-कश्मीर राज्य के लेह क्षेत्र में स्थित है. यह सड़क श्योक और नुब्रा घाटी को आपस में जोड़ने का काम करती है. इस सड़क की समुद्र तल से ऊंचाई 5,602 मीटर (18,380 फीट) है. इस सड़क का उपयोग मोटर-साइकिलों और साइकिल सवारों द्वारा किया जाता था.
बोरासु पास (Borasu Pass)
बोरासु पास (Borasu Pass), चीन की सीमा के पास 5,450 मीटर(17,881 फीट) की उंचाई पर हिमालय पर्वत के पहाड़ों पर स्थित है. यह सड़क उत्तराखंड को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने में मदद करती है. इस रास्ते को बहुत समय पहले अद्भुत दून घाटी और किन्नौर घाटी के बीच व्यपार करने के लिए उपयोग किया जाता था.
चंग ला पास (Chang La Pass)
चंग ला पास(Chang La Pass), लद्दाख की पेंगांग झील के पास से गुजरती है. इस रास्ते की उंचाई समुद्र तल से 5,360 मीटर(17,590 फीट) है. चांग ला पास, सिंधु घाटी को पेंगोंग झील से जोड़ता है. चंगथंग पठार के ऊंचाई वाले क्षेत्र में बहुत बड़ी-बड़ी झीलें बहती हैं.
देब्सा पास (Debsa Pass)
देब्सा पास, हिमालय पर्वतों पर स्थित है. इसकी समुद्र तल से उंचाई 5,360 मीटर(17,590 फीट) है. यह सड़क कुल्लू को स्पीती घाटी से जोड़ती है. स्पीती घाटी तिब्बत और भारत के बीच एक सुंदर जगह है. यह जगह एक तरह की रेगिस्तान भूमि है.
लिपुलेख पास (Lipulekh Pass)
लिपुलेख पास, उत्तराखंड को तिब्बत के पुरांग से जोड़ता है. इस सड़क की समुद्र तल से उंचाई 5,334 मीटर (17,500 फीट) है. लिपुलेख पास, भारत की व्यास नदी और तिब्बत की चौदंस घाटी को आपस में जोड़ता है.
काराकोरम पास (Karakoram Pass)
काराकोरम पास भारत और चीन के बीच पड़ते काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर स्थित है. काराकोरम पास की समुद्र तल से उंचाई 4,693 मीटर(15,397 फीट) है. यह मार्ग लेह और यार्कांत के बीच सबसे पुराना मार्ग है. यह सड़क भारत के अधीन क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर के पास स्थित है. जो दुनिया की सबसे ऊंची रणभूमि है.
रुपिन पास (Rupin Pass)
रुपिन पास(Rupin Pass), उत्तराखंड राज्य के धौला से शुरू होकर हिमाचल के सांगला नाम की जगह पर खत्म होता है. इस रास्ते की उंचाई समुद्र तल से 4650 मीटर(15,250 फीट) है. यह सड़क हिमालय पर्वत श्रंखला के पास होने की वजह से कई गहरी अँधेरी घाटियों, बर्फीली ढलानों और बर्फ के खेतों से गुजरती है.
नाथू ला पास (Nathu La Pass)
नाथू ला पास, सिक्किम को तिब्बत क्षेत्र से जोड़ता है. इस रास्ते की समुद्र तल से उंचाई 4,310 मीटर(14,140 फीट) है. यह क्षेत्र भारत और चीन में व्यपार के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है.
नाथू ला पास, हिंदू और बौद्ध धर्म के पवित्र स्थलों के पास स्थित है. इस क्षेत्र में हिम तेंदुए, तिब्बती भेड़िये और काले पंख वाले बाज जैसे कई जीव-जंतु रहते हैं.
जेलेप ला पास (Jelep La Pass)
जेलेप ला पास की समुद्र तल से उंचाई 4,270 मीटर (14,009 फीट) है. यह पूर्वी सिक्किम के जिले में स्थित है. यह रास्ता तिब्बत के ल्हासा क्षेत्र को भारत से जोड़ता है. यह क्षेत्र भारत और तिब्बत की चुम्बी घाटी के जंगलों से घिरा हुआ है.
सेला पास (Sela Pass)
सेला पास, अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में स्थित है. यह रास्ता तवांग को तेजपुर और गुवाहाटी के माध्यम से भारत को जोड़ता है. इस जगह पर साल में कई बार भारी बर्फबारी होती है. इस रास्ते को पार करना बहुत कठिन होता है, लेकिन यही रास्ता है जो तवांग और तवांग के बौद्ध मठ को भारत से जोड़ता है.
रोहतांग पास (Rohtang Pass)
मशहूर रोहतांग पास, हिमालय की पीर पंजाल पर्वतों की श्रंखला को हिमाचल प्रदेश की कुल्लू और स्पीती घाटी को जोड़ता है. यह रास्ता साल में मई से नवंबर तक खुला रहता है और नवंबर के बाद इस रास्ते को भारी बर्फबारी पड़ने के कारन पार करना बहुत मुश्किल हो जाता है.
चंशल पास (Chanshal Pass)
चंश्ल पास (Chanshal Pass), दोदरा क्वार और रोहरू को आपस में जोड़ता है. यह पास हिमाचल की राजधानी शिमला में स्थित है. इस रास्ते की समुद्र तल से उंचाई 4,520 मीटर (14,830 फीट) है.