Friday, November 22, 2024
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ये हैं दुनियां की सबसे खतरनाक जगहें, यहां से कोई लौट कर नहीं आता!!

हमारी पृथ्वी एक सुरक्षित स्थान की तरह प्रतीत होती है। बहुत सारी ऐसी जगहें हैं जिन्हें स्वर्ग के रूप में जाना है। वहीँ कुछ ऐसी जगहें भी हैं जिन्हें नरक का द्वार कहा जाता है। दुनिया भर में बहुत से खतरनाक स्थान जहां जाने का मतलब मौत से खेलना है। हालांकि बहुत से साहसी या यूं कहें कि दु:साहसी लोग फिर भी ऐसी जगह जाने से बाज नहीं आते है।

आज हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहुत ही खतरनाक हैं और जहां जाना घोषित या अघोषित रूप से वर्जित है।

स्नेक आइलैंड, ब्राजील

इलहा डी क्विमाडा ग्रांड का निक नाम का एक स्नेक आइलैंड है। यह ब्राजील के साओ पालो द्वीप के तट पर स्थित है। यहाँ पर सांपो की संख्या इतनी अधिक है कि हर एक वर्ग मीटर में पांच रहते है। यह द्वीप ग्रह का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां घातक गोल्डन लांसहेड वाइपर पाया जाता हैं। इसका जहर इतना खतरनाक होता है  कि यह मानव मांस को पिघला सकता है। इन सांपों की गिनती विश्व के सबसे जहरीले सांपो में होती है। ब्राजील की नौसेना ने यहां लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

बोस्टन स्ट्रिड इंग्लैंड

इंग्लैंड में बहने वाली व्हार्फ नदी (बोस्टन स्ट्रिड) को बेहद ही खतरनाक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि आज तक जो भी इस नदी में गया, वह जिंदा बाहर नहीं लौट सका और ना ही कभी उसकी लाश मिलती है। बेहद ही खूबसूरत दिखने वाली ये नदी बोल्टन अब्बे क्षेत्र में महज 6 फीट चौड़ी है, लेकिन इसकी गहराई बहुत ही ज्यादा है। साथ ही पथरीले रास्तों से गुजरने के कारण इसका बहाव भी काफी तेज है। ऐसे में कोई शख्स जैसे ही नदी में जाता है, वह तेज धार के कारण बह जाता है। दरअसल, पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से बोल्टन अब्बे में नदी को तंग रास्तों से गुजरना पड़ता है, जिसकी वजह से इसकी रफ्तार बढ़ जाती है। इसके तेज बहाव के कारण पहाड़ भी काफी नुकीले हो गए हैं। ऐसे में कोई शख्स जैसे ही बोल्टन अब्बे एरिया में इस नदी के अंदर जाने की कोशिश करता है, वह तेज धार की वजह से नुकीले पहाड़ों से टकराकर खाई में समा जाता है।

करीवेरकन मैल्स्ट्रोम स्कॉटलैंड

कोरिवरेकेरन  मुख्य भूमि स्कॉटलैंड के पश्चिमी तट से बाहर, अरगिल और बुटे में जुरा और स्कार्बा के द्वीपों के बीच एक संकीर्ण जलसंधि है। यह अपनी मजबूत ज्वारीय धाराओं और खड़ी तरंगों के लिए प्रसिद्ध है। ज्वार की सही अवस्था में बनने वाला भँवर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा भँवर है। स्कॉटलैंड में मौजूद ये भंवर वाकई में खतरे का प्रतीक हैं। स्कॉटलैंड के पश्चिमी तटों पर मौजूद इस भंवर को स्ट्रेट ऑफ़ कोरिवरेकेरन (Strait of Corryvreckan) भी कहा जाता हैं। इनमें फंसने वाला साढ़े छह सौ फीट की गहराई में गुम हो जाता है।

डोर टू हेल तुर्कमेनिस्तान

डोर टू हेल यानी “नरक का दरवाजा” जो कि तुर्कमेनिस्तान के दरवेज गांव में स्थित है। 1971 में पूर्व सोवियत संघ के वैज्ञानिक इस डेजर्ट एरिया में आयल और गैस कि खोज करने के लिए आए थे। उन्होंने दरवेज गांव के पास स्थित इस जगह को ड्रिलिंग के लिए चुना । उन्होंने यहां सेटअप लगाकर ड्रिलिंग शुरू की जिससे यहां एक क्रेटर (गड्ढा) बन गया। इस क्रेटर से बहुत ज्यादा मात्रा में मीथेन गैस निकलने लगी। मीथेन गैस को बाहर निकलने से रोकने के दो विकल्प थे या तो इस क्रेटर को बंद कर दिया जाए या फिर इस मीथेन गैस को जला दिया जाए। वैज्ञानिकों ने दूसरा तरीका अपनाया और क्रेटर में आग लगा दी तब से लेकर आज तक ये क्रेटर जलता रहता है।

कावा ईजेन सल्फर माइंस इंडोनेशिया

इंडोनेशिया में स्थित आज भी एक जाग्रत ज्वालामुखी है। जंहा पर गंधक की खदाने हैं। इन खादानों में काम करने वाले लोग इसे ‘डेविल्स गोल्ड’ कहते हैं। इसकी वजह से यहां के लोगों का रोजगार चलता है। जो लोग इन खदानों में काम करते हैं वे जान हथेली पर लेकर बिना किसी सुरक्षा के करीब डेढ़ किलोमीटर तक इस साढ़े छह सौ फुट गहरी खदान में उतरते हैं। इसे (गंधक) हासिल करने के लिए लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ती है।

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