जब कभी आप किसी होटल या रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं तो आपकी नज़र मेन्यू के रेट पर भी जरूर ठहरती होगी। हर कोई चाहता है कि कम बजट में अच्छे से अच्छा खाना खा सकें।
लेकिन अगर हम आपसे कहें कि दुनिया में कई ऐसे रेस्टोरेंट है जहां आप अपनी मर्जी से कुछ भी खाएं आपसे ज्यादा बिल नहीं लिया जाएगा बल्कि आप अपनी मर्जी से बिल का भुगतान कर सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो खाना खाने के बाद आपका जो भी बिल देने का मन करें आप चुका सकते हैं।
जी हाँ ‘पे व्हाट यू लाइक’ यानि ‘जो ठीक लगे वही दाम अदा करें’ के सिद्धांत पर आधारित कई रेस्तरां दुनिया भर में मौजूद हैं।
यह सिद्धांत सबसे पहले तब शुरू हुआ जब अंग्रेजी रॉक बैंड ‘रेडियोहैड’ ने अपनी एक एलबम इसी ढंग से बेची। उनकी एलबम अपने गीतों के लिए नहीं बल्कि इस अनोखी मार्केटिंग रणनीति के लिए अधिक मशहूर हुई।
हालाँकि, ‘पे व्हाट यू लाइक’ सिद्धांत फ़ूड इंडस्ट्री में काफी समय से मौजूद रहा है। वर्ष 1984 में मलेशिया में खुला अन्नालक्ष्मी रेस्त्रां अपने ग्राहकों को वह दाम अदा करने को प्रोत्साहित करता है जो उन्हें ठीक लगता है।
आज इसकी आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, मलेशिया तथा भारत में शाखाएं हैं। ये रेस्तरां करीब 2 दशकों से अधिक वक्त से सफलतापूर्वक चल रहे हैं।
‘टैम्पल ऑफ़ फाइन आर्ट्स इंस्टीटूशन’ नामक एक संस्था का हिस्सा अन्नालक्ष्मी रेस्तरां ‘अतिथि देवो भव:’ की नीति पर चलता है। चेन्नई में स्थित अन्नालक्ष्मी रेस्तरां के ग्राहक अक्सर इसे दक्षिण भारतीय भोजन का मंदिर भी कहते हैं।
ग्राहक केवल इस सिद्धांत तथा स्वादिष्ट भोजन ही नहीं बल्कि एक खूबसूरत माहौल में भोजन करने का आनंद लेकर घर लौटते हैं। वहां काम करने वाले स्वयं सेवक हमेशा मुस्कुरा कर उनकी सेवा के लिए तत्पर दिखाई देते हैं।
ऐसा ही एक अनूठा स्थान है गुजरात के अहमदाबाद में स्थित ‘सेवा कैफे’। वहां भोजन करने के बाद आपको बिल पेश किया जाता है जिस पर ‘शून्य’ लिखा होता है।
बिल के नीचे सन्देश होता है “आपका भोजन आपसे पहले भोजन करके गए किसी व्यक्ति की और से उपहार था। उपहार की इस श्रृंखला को चालू रखने के लिए अपने बाद भोजन करने वालों के लिए कुछ देकर जाने के लिए हम आपको आमंत्रित करते हैं”।
मुस्कुराते स्वयंसेवकों और विनम्र स्टाफ द्वारा यहाँ पर बड़े प्यार से परोसे जाने वाले व्यंजनों पर आने वाले सारे खर्च और होने वाली आय के प्रति भी पूरी पारदर्शिता अपनायी जाती है। मुनाफे को कल्याणकारी कार्यों पर खर्च किया जाता है।
दिल्ली के व्यस्त हौज़ ख़ास इलाके का कुंजाम ट्रेवल कैफे भी ‘पे व्हाट यू लाइक’ सिद्धांत का पालन करता है। वर्ष 2007 से काम कर रहे इस कैफ़े में फ्री वाई-फाई सुविधा भी उपलब्ध है।
आप जितना चाहे समय यहाँ गुजार सकते है। निकासी के दरवाजे के पास एक लकड़ी का बक्सा है जहाँ ग्राहक अपनी मर्जी से कितनी भी रकम डाल सकते हैं जो उन्हें वहां बिताए वक्त या कॉफ़ी के लिए ठीक लगे।
यहाँ के मालिक अजय जैन के अनुसार इस सिद्धांत की सबसे बढ़िया बात है कि लोग यहाँ से संतुष्ट और प्रसन्न होकर ही नहीं जाते बल्कि वे अपनी मर्जी से यहाँ आकर कार्यक्रम भी पेश करते हैं। इस सिद्धांत के बावजूद अजय को इस व्यवसाय में कभी घाटा नहीं हुआ।