इंगलैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के हाथों में हमेशा लाऊनर ब्रांड का हैंडबैग दिखाई देता है। इस बेहद महंगे हैंडबैग का इस्तेमाल वह केवल जरूरी सामान रखने के लिए ही नहीं करती हैं बल्कि अपने कर्मचारियों को गुप्त संकेत देने में भी यह उनके काम आता है।
राजवंश इतिहासविद् हूगो विकर्स ने खुलासा किया है कि महारानी शासकीय समारोहों के दौरान बिना कुछ कहे अपने कर्मचारियों को अपनी इच्छा बताने के लिए कई गुप्त संकेतों का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे ही कुछ संकेतों के लिए वह अपने हैंडबैग का प्रयोग भी करती हैं।
जैसे कि इसे एक से दूसरे हाथ में पकड़ना इस बात का संकेत है कि वह बातचीत खत्म करके आगे बढ़ना चाहती हैं। यह भी कहा जाता है कि समारोहों में अपने हैंडबैग को टेबल पर रखने का मतलब होता है कि महारानी वहां से निकलने के लिए तैयार हैं।
टेबल पर महारानी द्वारा अपना हैंडबैग रखना एक तरह से उनकी ‘लेडीज-इन वेटिंग’ (सहायिका) के लिए यह हिदायत होती है कि 5 मिनट में उन्हें वहां से निकलना है जिसके लिए वह सभी जरूरी इंतजाम कर ले।
तीसरा गुप्त संकेत है अपनी वैडिंग रिंग यानी शादी की अंगूठी को चुपके से घुमाना जिसका अर्थ है कि वह वर्तमान वार्तालाप को तुरंत खत्म करना चाहती हैं। हालांकि, ऐसा पूरी शालीनता से किया जाता है। उनका कोई सहयोगी आकर बहाने से उन्हें वहां से ले जाता है।
हैंडबैग को एक से दूसरे हाथ में बदलने का अर्थ यह भी है कि वह अपने हैल्पर्स को करीब चाहती हैं। बकिंघम पैलेस में आधिकारिक बैठकों के दौरान भी महारानी एक गुप्त संकेत करती हैं।
जिससे स्टाफ समझ जाता है कि उन्हें दरवाजा खोल कर मेहमान को वहां से बाहर तक ले जाना है। केवल महारानी ही नहीं, उनके शाही परिवार के अन्य सदस्य भी अपने हैंडबैग का इस्तेमाल महज एक एक्सैसरीज से बढ़ कर करते हैं।
हाल ही में शाही परिवार के एक करीबी सूत्र ने बताया था कि डचैस ऑफ कैम्ब्रिज कैथरीन एक क्लच बैग का प्रयोग खास कारण से भी करती हैं। यदि 35 वर्षीय कैथरीन को किसी व्यक्ति से हाथ मिलाने में संकोच हो तो वह अपने क्लच को आगे की ओर दोनों हाथों में पकड़ लेती हैं।
खास है महारानी का हैंडबैग
क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के प्रत्येक लाऊनर हैंडबैग में उनके लिए विशेष रूप से लम्बे हैंडल लगाए जाते हैं ताकि हाथ मिलाते वक्त अवरोध पैदा न हो। महारानी आसानी से खुलने वाले हैंडबैग पसंद करती हैं इसलिए उनमें न तो शोल्डर बैग है और न ही जिप उनके बैग हमेशा एक आईने, मेल खाते पर्स तथा चश्मा रखने वाले केस से युक्त होते हैं।
लाऊनर ब्रांड के हैंडबैग्स से महारानी का लगाव तब शुरू हुआ। जब 1968 में लाऊनर कम्पनी के संस्थापक सैम लाऊनर ने उन्हें एक हैंडबैग भेजा। इसके बाद कम्पनी को शाही परिवार के लिए हैंड बैग बनाने का रॉयल वारंट मिल गया।
तब से कम्पनी महारानी के लिए 200 से ज्यादा हैंडबैग बना चुकी है। कम्पनी का काले रंग वाला पेटेंट डिजाइन महारानी का पसंदीदा रहा हैं। परंतु हाल के वर्षों में उनके हाथों में गाढे रंग वाले हैंडबैग भी दिखाई देते रहे हैं। कहा जाता है कि उनके हैंडबैग्स में जरूरत की चीजें होती हैं, जैसे कि मिंट फ्लेवर वाली टॉफी, लिपस्टिक, रुमाल तथा एक फाऊंटेन पैन्।
सूत्रों के अनुसार शाही हैंडबैग में एक छोटी-सी हुक भी होती है। जिससे इसे गुपचुप ढंग से टेबल के नीचे लटकाया जा सकता है। इन बैगों का मूल्य 1 लाख 35 हजार रुपए तक होता है। जिन्हें शाही परिवार के सदस्य बार-बार इस्तेमाल करते हैं और कुछ तो इन्हें रिसाइकिल भी करवाते हैं।