Wednesday, April 17, 2024
35.3 C
Chandigarh

एक लड़की जिसके शरीर पर उगते हैं पेड़

एक अनोखी बीमारी ‘ट्री मैन सिंड्रोम’ से जूझ रही बंगलादेशी लड़की सहाना खातून। सहाना  के पिता उसे अस्पताल से घर ले गए हैं क्योंकि उन्हें लगने लगा है कि उनकी बेटी कभी ठीक नहीं हो सकेगी। अंतिम महीने चिकित्सकों ने सहाना खातून का ऑप्रेशन करके उसके शरीर पर पेड़ के तनों जैसे उग रहे हिस्सों को हटाया था।

उसे शरीर पर कठोर कोशिकाएं उगने की एक अनोखी बीमारी है जो बहुत कम लोगों में पाई जाती है। माना जाता है कि 10 वर्षीय यह बच्ची इस बीमारी का सामना करने वाली पहली महिला है। उसका उपचार ढाका मैडीकल कालेज अस्पताल में नि: शुल्क किया जा रहा था।

निराश हैं पिता

शुरूआती ऑप्रेशन को डाक्टरों ने सफल करार दिया था। परन्तु सहाना के पिता मोहम्मद शाहजहां का कहना है कि इसके बाद से उनकी बच्ची की हालत और गंभीर हो गई है। इसीलिए अब वह उसका और उपचार नहीं करवाना चाहते हैं।

शाहजहां के अनुसार डाक्टरों ने उनकी बेटी के शरीर पर उग रहे तने जैसे हिस्सों को हटा दिया। लेकिन इसके बाद वे दोबारा उग आए और अबकी बार वे ज्यादा मोटे और मज़बूत हैं। वह कहते हैं, “मैं भयभीत हूं।

डॉक्टरों का कहना है कि मेरी बेटी को 8 से 10 और ऑप्रेशन करवाने होंगे लेकिन क्या गारंटी है कि इनके बाद उसकी बीमारी दूर हो जाएगी।” अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी यूनिट के प्रमुख सामंत लाल सेन इस बच्ची को आगे और उपचार के लिए अस्पताल में रखना चाहते थे।

परन्तु सहाना के गरीब पिता ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। क्योंकि उनकी बेटी की सेहत में कोई सुधार नहीं दिखाई दे रहा था, वह उसे लेकर चले गए। हालांकि, डॉक्टरों ने उसे कुछ हफ्ते और उपचार करवाने को कहा था।

दुनिया में कुछ ही लोगों को है यह बीमारी

माना जाता है कि आधा दर्जन से भी कम लोगों को दुनिया में यह अजीबो-गरीब बीमारी है। इनमें 27 वर्षीय बंगलादेशी रिक्शा चलाने वाला अब्दुल बजिन्द्र भी शामिल है। वह अपने शरीर पर पेड़ के तनों जैसे उगने वाले हिस्सों को हटाने के लिए अब तक कम से कम 21 ऑप्रेशन करवा चुका है।

इनमें से प्रत्येक हिस्सा पांच किलो तक वजनी था और डॉक्टरों का मानना है कि इस बीमारी से निजात पाने वाला शायद वह दुनिया का पहला इंसान है। वहीं सहाना के पिता का कहना है कि अपनी बेटी का उपचार करवाने के लिए उन्हें वित्तीय संकट से भी दो-चार होना पड़ रहा है।

उनके अनुसार, “अस्पताल में मुझे हमेशा उसके पास रहना पड़ता जिससे मैं काम पर नहीं जा पाता था और मेरे पास तो उसे ढंग से खाना खिलाने के लिए भी पैसे नहीं होते। मेरी पत्नी के बाद अब एक वही मेरा परिवार है और मैं उसे सारा-सारा दिन उदासी में अस्पताल में बिस्तर पर पड़े नहीं देख सकता।”

Read more :

सिक्किम में बना यह खूबसूरत एयरपोर्ट

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR

RSS18
Follow by Email
Facebook0
X (Twitter)21
Pinterest
LinkedIn
Share
Instagram20
WhatsApp