भारतीय मुद्रा के बारे में 15 दिलचस्प तथ्य:
सन 1954 से 1978 के बीच 5,000 और 10,000 रुपए के नोट चलन में थे।
आज़ादी के बाद भी पाकिस्तान में काफी समय तक भारतीय मुद्रा का इस्तेमाल होता रहा।
एक रुपए का नोट वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता था और उसमें वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते थे।
रुपया 20 वीं सदी में कई देशों की मुद्रा थी। जैसे अदन, ओमान, कुवैत, बहरीन, कतर, त्रुसिअल स्टेट्स, केन्या, युगांडा, सेशल्स और मॉरीशस।
नेपाल ने बाद भारत ने भी 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया हैं।
किसी समय 5 रुपये के सिक्के की बांग्लादेश से तस्करी की जाती थी।
रुपए के प्रतीक टाइप करने के लिए नए कंप्यूटर में आप ‘Ctrl + Shift + $’ प्रेस कर सकते हैं।
एक 10 रुपए के सिक्के को ढालने की लागत 6.10 रुपए है।
कमी की वजह से, भारतीय रिजर्व बैंक ने अतीत में विदेशी देशों से सिक्के बनाने के लिए मदद ली थी। उनके द्वारा ढाले गए सिक्कों की पहचान करने के लिए उनकें नीचे एक विशेष तरह का चिन्ह लगाया जाता था।
रुपये के नोट के एक तरफ हिंदी और अंग्रेजी में लिखा होता है और दूसरी तरफ 15 अन्य भारतीय भाषाओं में लिखा होता है।
आप के पास 51% से अधिक फटा नोट है, तो आप इस नोट को बैंक में जमा करके नया नोट ले सकते हैं।
1917 में रुपया, डॉलर से अधिक शक्तिशाली था। उस समय 1 रुपया 13 अमरीकी डालर के बराबर था।
सभी नोटों में भारतीय राज्यों की छाप होती है, जैसे 20 की नोट में अंडमान द्वीप समूह की छाप हैं।
एक एनजीओ द्वारा शून्य रुपए के नोट भारतीय संविधान के “5वें स्तंभ” भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए जारी किए गए हैं।
यह भी पढ़ें;-5 कानूनी अधिकार, जो हर भारतीय को पता होने चाहिए
Watch Video of lucky people who escaped death by fraction of seconds!