हम बचपन से ही हिंदू पौराणिक कथाएं सुन कर बड़े हुए हैं। इनमें वीर योद्धाओं की गाथाएं, शानदार उपदेश, देवताओं और असुरों के बीच लड़ाई का ज़िक्र मिलता है।
देवी-देवताओं से जुड़ी कहानियां ज्यादातर बुराई पर अच्छाई की जीत के बारे में होती हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं में लड़ाइयों का चित्रण बहुत विस्तृत है।
देवों, देवियों और असुरों से जुड़ी कहानियाँ युद्ध और संघर्षों से भरी हैं। महाभारत व् अन्य युद्धों में उपयोग किए जाने वाले 1000 से अधिक प्रकार के हथियार हैं। हथियार अलग-अलग कहानियों में अलग-अलग होते हैं जो शक्तिशाली लड़ाइयों के समान रोमांचकारी भी होते हैं।
इस पोस्ट में हम 10 शक्तिशाली हथियारों के बारे में बताने जा रहे हैं :-
त्रिशूल
भगवान शिव द्वारा चलाया जाने वाला तीन भाले वाला हथियार “त्रिशूल” सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक है जिसे शिव स्वयं नियंत्रित कर सकते हैं। शिव को छोड़कर कोई अन्य इस त्रिशूल को रोक या नियंत्रित नहीं कर सकता। यह त्रिशूल किसी भी अलौकिक हथियार को समाप्त कर सकता है।
पाशुपतास्त्र
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार पाशुपतास्त्र भगवान शिव और भगवान विष्णु के हथियारों के बाद सबसे शक्तिशाली हथियार है। ये सबसे ताकतवर और विनाशकारी हथियार है। महाभारत महाकाव्य में अर्जुन ने इसे भगवान शिव से प्राप्त किया था, लेकिन कभी भी उपयोग में नहीं आया।
सुदर्शन चक्र
भगवान विष्णु की तर्जनी पर देखा जाने वाला 108 नुकीले किनारों वाला घूमता हुआ डिस्क जैसा हथियार सुदर्शन चक्र है। इसे अज़वार के नाम से भी जाना जाता है।
यह सूर्य की किरणों के अंश और शिव के त्रिशूल से बना है। देवताओं के वास्तुकार विश्वकर्मा द्वारा निर्मित किया गया यह अस्त्र भगवान शिव ने विष्णु को उपहार में दिया था।
ब्रह्माण्ड अस्त्र
ये भगवान ब्रह्मा द्वारा बनाया गया दूसरा शक्तिशाली हथियार है। ऐसा माना जाता है कि इसमें ब्रह्मा के चार सिर होते हैं, जो हिंदुओं के चार पवित्र ग्रंथ वेद के प्रतीक हैं। कहते हैं इस हथियार का इस्तेमाल भारी तबाही लाता है।
ये हथियार ब्रह्मास्त्र को निगल भी सकता है और इसे बेअसर कर सकता है। कहा जाता है कि विश्वामित्र के सभी दैवीय हथियारों के हमले के बचाव में ब्रह्मऋषि वशिष्ठ ने इसका इस्तेमाल किया था।
ब्रह्मशिरा
इसे ब्रह्मास्त्र से भी 4 गुना ज्यादा घातक माना जाता है। ब्रह्मशिरा का उपयोग करने पर बड़े पैमाने पर विनाश हो सकता है और यह भूमि को दशकों तक बंजर बना सकता है।
रामायण में, इंद्रजीत (मेघानंद) ने इसका इस्तेमाल 670 मिलियन वारनों को मारने के लिए किया था। महाभारत युद्ध में अश्वत्थामा ने इस अस्त्र का प्रयोग किया था।
भार्गवस्त्र
भार्गवास्त्र भगवान् विष्णु के अवतार परशुराम द्वारा बनाया गया अस्त्र था उनके आलावा भार्गवास्त्र को अन्य कोई योद्धा नहीं चला सकता था। जब कर्ण ने परशुरामजी से शिक्षा प्राप्त कर ली थी तो इस शिक्षा के दौरान परशुराम ने कर्ण को परशु (शस्त्र) को छोड़ अपने सभी अस्त्र सिखाये थे जिनमें भार्गवास्र भी शामिल था। यह अस्त्र इतना शक्तिशाली है कि इंद्रास्त्र से भी अधिक शक्तिशाली अस्त्रों को परास्त कर सकता है।
नारायणास्त्र
नारायण अस्त्र हिंदू पौराणिक कथाओं के सबसे घातक और शक्तिशाली हथियारों में से एक है, जिसका इस्तेमाल भगवान विष्णु ने अपने नारायण अवतार में किया था। नारायणास्त्र जब उपयोग किया जाता है, तो लाखों तीर बनते हैं और एक डिस्क जैसा हथियार होता है। जिसे बहुत विनाशकारी माना जाता है।
वज्रायुध
वज्रायुध या वज्र भगवान इंद्र का व्यक्तिगत हथियार है, जिससे बिजली निकलती थी। इसका निर्माण महर्षि दधिची की अस्थियों से किया गया था। इस अस्त्र का उपयोग का करके ही देवराज इंद्र ने वृत्रासुर नामक दैत्य का वध किया था।
तीन बान
ये महाभारत के योद्धा और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक ने भगवान शिव से वरदान में प्राप्त किए थे। ये बेहद शक्तिशाली हथियार था। कहते हैं इन बाणों के सहारे बर्बरीक महज़ एक मिनट में महाभारत का युद्ध ख़त्म कर सकते थे। मगर भगवान श्रीकृष्ण के चलते ऐसा नहीं हो पाया था।
ब्रह्मास्त्र
ब्रह्मास्त्र हिंदू लोककथाओं में मौजूद घातक हथियारों में से एक है। कहा जाता है कि ब्रह्मास्त्र अत्यधिक एकाग्रता और ध्यान के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है या केवल एक गुरु द्वारा दिया जा सकता है।
ये बहुत विनाशकारी हो सकता है और साथ ही ये रक्षा में अन्य अलौकिक हथियारों का मुकाबला कर सकता है। इसका संचालन अलौकिक मंत्रो के साथ किया जाता था।
कहते हैं इस हथियार का इस्तेमाल विश्वामित्र ने वशिष्ठ के खिलाफ, श्रीराम ने रावण के खिलाफ और अर्जुन ने अश्वत्थामा के खिलाफ किया था।