आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक में महिलाओं के ऐसे गुणों का वर्णन किया है, जिसमें पुरुष उन्हें कभी मात नहीं दे सकते। उनका मानना था कि महिलाएं इन गुणों में हमेशा पुरुषों से आगे रहती हैं।
प्राचीन भारत के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, दार्शनिक और राजनीति विज्ञान के विशेषज्ञ आचार्य चाणक्य द्वारा सदियों पूर्व लिखी गई उनकी नीतियां आज के युग में भी बहुत वास्तविक और उपयोगी सिद्ध होती हैं।
आचार्य चाणक्य को बुद्धिमान, साहसी और ज्ञानी के रूप में जाना जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक में महिलाओं के ऐसे गुणों का वर्णन किया है, जिसमें पुरुष उन्हें कभी मात नहीं दे सकते। उनका मानना था कि महिलाएं इन गुणों में हमेशा पुरुषों से आगे रहती हैं।
चलिए जानते हैं इस पोस्ट में कि वे कौन कौन से गुण हैं :
महिलाएं ज्यादा साहसी होती हैं
चाणक्य नीति के अनुसार पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक साहसी होती हैं। ये किसी भी तरह की बुरी स्थिति का डटकर सामना करती हैं, एक महिला पुरुष से 6 गुना ज्यादा साहसी होती है।
चाणक्य कहते हैं कि जब स्त्री के सामने संकट का समय आता है तो स्त्री का साहस स्वत: ही सामने आ जाता है। हिम्मत के मामले में पुरुष कभी भी महिलाओं को मात नहीं दे सकते।
भावुक होती हैं महिलाएं
चाणक्य नीति के अनुसार स्त्री की आयु जैसे-जैसे बढ़ती है, वह अधिक बुद्धिमान होती जाती है। वहीं, महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा इमोशनल माना जाता है। यह उनकी कमजोरी नहीं बल्कि उनकी आंतरिक शक्ति है, जिसके कारण वे हर स्थिति में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं।
किसी बात को दिल पर नहीं लेती
चाणक्य नीति के अनुसार जो महिलाएं बात बात में रोती हैं उनका दिल बहुत साफ होता है। दरअसल, भावुक महिलाएं अक्सर अपनी कड़वाहट और गुस्से का रोना रोती हैं।
जिसके कारण ऐसी महिलाएं किसी की बात को दिल पर नहीं लेती हैं। सभी को शीघ्र क्षमा करने में विश्वास रखती है। महिलाओं का यह स्वभाव परिवार की सुख-शांति बनाए रखने में मदद करता है।
नियम पर टिकी रहती हैं महिलाएं
आचार्य चाणक्य का मानना है कि जो महिलाएं जल्दी भावुक हो जाती हैं वो अनुशासित रहना पसंद करती हैं। चाणक्य नीति के अनुसार अनुशासन में रहने वाली और नियम-कानूनों का पालन करने वाली महिलाएं न सिर्फ अपनी सफलता की राह सुनिश्चित करने में माहिर होती हैं बल्कि दूसरों के लिए मिसाल भी पेश करती हैं।
महिलाएं ज्यादा एक्सप्रेसिव होती हैं
अधिकांश शोधकर्ता इस बात से सहमत हैं कि महिलाएं भावनात्मक रूप से अधिक एक्सप्रेसिव होती हैं, लेकिन यह नहीं कि वे पुरुषों की तुलना में अधिक भावनाओं का अनुभव करती हैं। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं एक्सप्रेसिव होती हैं।