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विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रैल) के बारे में कुछ रोचक तथ्य

हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से होती है।

मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है, जो संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से होती है । बरसात या वातावरण में नमी के कारण मलेरिया के मच्छर पनपने लगते हैं और बीमारी का प्रसार होता है। मलेरिया की गंभीर स्थिति बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती है।

मलेरिया के कुछ सामान्य लक्षण हैं, जैसे- बुखार, सिर दर्द, उल्टी आना, ठंड लगना, थकान होना, चक्कर आना और पेट में दर्द होना। आमतौर पर मलेरिया के इलाज में करीब दो सप्ताह तक दवाइयाँ लेनी होती हैं। वहीं बीमारी को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है।

आइए जानते हैं मलेरिया दिवस मनाने की शुरुआत कब से और कहां से हुई। साथ ही मच्छर और मलेरिया से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी जानेंगे। उसके बाद यह भी देखेंगे के मलेरिया कैसे फैलता है और इससे आप कैसे बचाव कर सकते हैं।

  1. हर साल 25 अप्रैल को मलेरिया जैसे गंभीर बीमारी पर काबू पाने के लिए विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।विश्व मलेरिया दिवस की शुरुआत 25 अप्रैल 2008 को हुई थी।
  2. मलेरिया की गंभीरता और इसे बचने के लिए जागरूक करने के ही विश्व स्तर पर मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मलेरिया से लोगों को जागरूक करके उनकी रक्षा करना है।
  3. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार 2013 में 19 करोड़ 80 लाख से भी ज्यादा लोगों में मलेरिया के लक्षण पाए गए है और इस बीमारी ने 5 लाख 84 हजार लोगों की जान ले ली। मरने वालों की संख्या में लगभग 80 प्रतिशत बच्चे थे, जिनकी आयु 5 साल से कम थी।
  4. हर साल भारत में मलेरिया के हजारों मामले सामने आते हैं और कई रोगियों की तो मलेरिया से जान चली जाती है।
  5. मलेरिया की तरह डेंगू भी मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है जो अधिकतर बरसात के मौसम में होती है। डेंगू के मच्छर अक्सर सूर्यास्त होने के बाद ही इंसानों को अपना निशाना बनाते है।
  6. केवल मादा मच्छर ही इंसान को काटती है जबकि नर मच्छर कभी नहीं काटता।
  7. मादा मच्छर को अंडे पैदा करने के लिए प्रोटीन की जरुरत होती है इसलिए वह खून चूसती है। मादा मच्छर एक बार खून चूसने के बाद लगभग 2 दिन तक आराम करते हैं।
  8. मादा मच्छर एक बार में करीब 300 से ज्यादा अंडे देती है। अंडे से निकलने के बाद मच्छर अपने शुरुआती 10 दिन पानी में ही बिताते हैं।

मलेरिया कैसे फैलता है?

  • मलेरिया एक परजीवी रोगाणु से होता है, जिसे हम प्लाज्मोडियम कहते हैं. यह रोगाणु एनोफ़ेलीज़ जाति के मादा मच्छर में होते हैं और जब यह मादा मच्छर किसी व्यक्‍ति को काटती है, तो उसके खून की नली में मलेरिया के रोगाणु फैल जाते हैं.
  • यह रोगाणु व्यक्‍ति के कलेजे की कोशिकाओं तक पहुँचते हैं और वहां उनकी गिनती बढ़ती जाती है.
  • रोगाणुओं का लाल रक्‍त कोशिकाओं पर हमला करने और कोशिकाओं के फटने का सिलसिला जारी रहता है. मलेरिया का मुख्य लक्षण ही लाल रक्‍त कोशिकाओं पर हमला और कोशिकाओं के फटना होता हैं

मलेरिया से अपना बचाव कैसे कर सकते हैं?

  • मच्छरदानी लगाकर सोएं और ध्यान रखें कि उस पर मच्छर मारनेवाली दवा लगी हो. उसमें कोई छेद न हो और वह कहीं से फटी न हो।
  • घर के अंदर मच्छर मारने वाली दवाई छिड़कें।
  • घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगाएँ और ऐ.सी. और पंखों का इस्तेमाल करें, ताकि मच्छर एक जगह पर न बैठें।
  • ऐसे कपड़े पहने जिनसे आपका शरीर पूरी तरह ढका हो।
  • ऐसी जगह पर न जाएँ जहाँ पर झाड़ियाँ हों या पानी खड़ा रहता हो, क्योंकि ऐसी जगह पर मच्छर ज्यादा मात्रा में होते हैं।
  • अगर आपको मलेरिया या डेंगू हो गया है तो फ़ौरन डॉक्टर की सलाह लें व इलाज करवाएं।

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