आज हम आपको भारत की पवित्र और सबसे लंबी नदी गंगा के बारे में बताने जा रहे है। गंगा नदी भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदी मानी जाती हैं। यह नदी भारत, नेपाल, बांग्लादेश में बहती है। इसकी नदी की लम्बाई 2525 किलोमीटर है और इसकी आठ उपनदियां है- महाकाली, करनाली, कोसी, गंडक,घाघरा, युमना, सोन, महानंदा आदि।
कर्नाटक के ब्रह्मगिरि पर्वत से बहती कावेरी नदी
पवित्र नदी
आपको बता दें कि यह नदी हिमालय से निकलती है और अंत में ग्वालन्दों के निकट ब्रह्मपुत्र के साथ मिलकर बंगाल की खाडी में विसर्जित हो जाती है। यह नदी निरंतर प्रवाहमयी नदी है। बहुत से लोग इस नदी में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पाते हैं, इसीलिए इस नदी को भारतीय धर्मग्रंथों में पवित्र नदी के रूप में माना गया है, और लोगों दुवारा इसको माता का दर्जा भी दिया गया है। गंगा केवल नदी ही नहीं, बलकि एक संस्कृति भी है। गंगा नदी के तट पर अनेक पवित्र तीर्थों का भी निवास है।
उड़ीसा का शोक – छत्तीसगढ़ की महानदी
सिंधु नदी के नाम की सिंधु से हिंदू तक की कहानी
गंगा जल का उपयोग
गंगा नदी की चौड़ाई काफी ज्यादा है और इस नदी में पानी की मात्रा काफी ज्यादा होने के साथ रफ़्तार भी तेज़ होती है। ये नदी हिमालय में स्थित गंगोत्री नामक स्थान से निकलती है। हिमालय की बर्फ पिघलकर इसमें आती रहती है। गंगा जल करोड़ों लोगों की प्यास बुझाता है। करोड़ों पशु-पक्षी इस नदी के जल पर ही निर्भर रहते हैं। लाखों एकड़ जमीन इसके जल से ही सिंचित होती है।
ताजमहल के किनारे बहती यमुना नदी
इसीलिए कहते हैं गंगा नदी को भागीरथी
आपको बता दें कि गंगा का भागीरथी नाम राजा भगीरथ के नाम से पड़ा था। राजा भगीरथ के साठ हज़ार पुत्र थे, और शापवश उनके सभी पुत्र भस्म हो गए थे। तब राजा ने कठोर तपस्या की और गंगा शिवजी की जटा से निकलकर देवभूमि भारत पर अवतरित हुई।
जानिए कृष्णा नदी का सबसे लम्बा सफर
मध्य प्रदेश के बैतूल से बहती तापी नदी
इसके बाद ही भगीरथ के साठ हज़ार पुत्रों का उद्धार हुआ था। तब से लेकर गंगा अब तक न जाने कितने पापियों का उद्धार कर चुकी है। इसमें मृतकों के शव बहाए जाते हैं। इसके तट पर शवदाह के कार्यक्रम होते हैं। गंगा तट पर पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन आदि के कार्यक्रम चलते ही रहते हैं।
आखिर क्यों नर्मदा नदी ने हमेशा अविवाहित रहने का प्रण लिया
नर्मदा: ‘मध्य प्रदेश की जीवन रेखा’ के बारे में रोचक तथ्य
दूषित हो चुकी है पवित्र गंगा
अब गंगा नदी के पानी में सिर्फ 25 प्रतिशत ही ऑक्सीजन है और पूरा पानी काफी दूषित हो चूका है। वह दुनिया की पांचवी सबसे दूषित नदी बन चुकी है।
यह भी पढ़ें:-जानिए गोदावरी नदी के अनेक नामों की विशेषता के बारे में
यह भी पढ़ें:- भारत के प्राचीन इतिहास से जुड़ी है ब्रह्मपुत्र नदी