Monday, December 30, 2024
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वास्तु टिप्स – घर बनवाते या खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान

वास्तु टिप्स – घर खरीदना जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण फैसलों में से एक होता है। घर खरीदना एक सपने के पूरा होने जैसा होता है। ज्योतिष में वास्तु का विशेष महत्व होता है। अगर घर का वास्तु ठीक होता है, तो घर पर हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।

वहीं अगर घर के वास्तु में कोई कमी होती है, तो घर के सदस्यों को तमाम तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। घर बनवाते और खरीदते समय आपको वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको घर बनवाते या खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं।

  • घर में पूजा स्थान का विशेष महत्व होता है, क्योंकि पूजा स्थान ही होता है, जहां से सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा आती है। पूजा स्थान को उत्तर-पूर्व दिशा में ही बनवाएं। भगवान के कैलेंडर या तस्‍वीरें या फिर धार्मिक आस्‍था से जुड़ी वस्‍तुएं सिर्फ पूजा स्थान पर ही रखें, इन वस्तुओं को बेडरूम में ना रखें।
  • घर का मुख्य दरवाज़ा अंदर की तरफ खुलने को वास्तु शास्त्र में शुभ माना जाता है। घर का मुख्‍य दरवाज़ा दक्षिण मुखी नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाज़े के सामने बिजली का खंभा, वृक्ष आदि नहीं होना चाहिए।
  • बाथरूम घर के मध्य में या मुख्य दरवाज़े के सामने अशुभ होते हैं। अगर बाथरूम मुख्य दरवाज़े के सामने हैं, तो इसके दरवाज़े को बंद रखें।
  • किचन की दिशा ईशान कोण में नहीं होनी चाहिए।
  • बेडरूम हमेशा नैऋत्य कोण में होना चाहिए। सभी कमरों में प्राकृतिक प्रकाश और हवा का संचार होना चाहिए।
  • घर बनवाते या खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि सामने की तरफ सीढ़ियां या लिफ्ट न हों।
  • आपके घर में पैसे रखने का स्थान दक्षिण दिशा में हो और उस तिजोरी का खुलने वाला हिस्सा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
  • ईशान कोण अधिक से अधिक खुला और हवादार होना चाहिए। घर का निर्माण कार्य कराते समय ईशान कोण को हमेशा गहरा या नीचा रखना चाहिए और नैऋत्य कोण यानी दक्षिण और पश्चिम का कोना हमेशा बाकी कोनों से ऊंचा होना चाहिए।
  • घर का आकार सदैव आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए। हमेशा ध्यान रखें कि घर कभी भी L या C आकार का नहीं होना चाहिए। इस तरह के आकार के घर शुभ नहीं माने जाते।
  • बच्चों के पढ़ने का कमरा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए। बच्चे इस दिशा की और देख कर पढ़ाई करें, इस से उन्हें लाभ होगा।

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