हर एक देश के अपने अपने अलग- अलग कानून होते है। बहुत से देशों में ऐसे – ऐसे कानूनी नियम होते है, जिन्हें सुन कर हमें हंसी आ जाती है। भारत में खाने-पीने को लेकर कोई नियम नहीं होते, हम लोग अपनी पसंद का कभी भी खा- पी सकते है। लेकिन जिन चीज़ों को भारत में हम लोग बहुत चाव से खाते है, कई देशों में उन चीज़ों पर बैन लगे हुए है। आइए जानते हैं, किस देश में किस खाने की चीज़ पर बैन है।
समोसा
भारतीय लोगों का समोसा सबसे पसिंददा फूड है। समोसे का नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है। लेकिन मुस्लिम देश सोमालिया में समोसा बैन है। जेहादी आतंकी संगठन अल शबाब ने इस पर बैन लगाया था, क्योंकि समोसे का आकार त्रिकोणा होता है। वहां त्रिकोण के आकार को क्रिश्चियानिटी (Christianity) का प्रतीक माना जाता है।
च्यूइंगम
भारत में च्युइंगम चबाना आम बात है, बच्चों से लेकर बूढ़े तक आपको च्युइंगम चबाते नज़र आएंगे। लेकिन सिंगापुर में आप च्युइंगम नहीं चबा सकते, वहां च्युइंगम बैन है। 1992 में यहां किसी व्यक्ति ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर च्युइंगम चिपका दिया था, जिसके कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत घंटों तक प्रभावित हो गया था।
च्युइंगम बैन का एक और कारण है, वहां की सरकार का कहना था कि लोग च्युइंगम चबा कर सड़कों पर थूक देते है, और च्युइंगम लोगों के जूतों से चिपकर सड़कों को गंदा करती है। इसी वजह से सिंगापुर में च्युइंगम बैन है।
टोमाटो कैचअप
फ्रांस अपने खानपान के लिए बहुत मशहूर है। फ्रेंच फ्राइज खाने का मज़ा तो टोमाटो कैचअप के साथ ही आता है। लेकिन फ्रांस की मशहूर डिश फ्रेंच फ्राइज को वहां कैचअप के साथ नहीं खा सकते। सिर्फ फ्रेंच फ्राइज ही नहीं, कैचअप को वहां किसी भी चीज़ के साथ नहीं खाया जाता, क्योंकि फ्रांस में कैचअप पर बैन है। दरअसल 2011 में वहां की गवर्मेंट ने यह कह कर बैन कर दिया था कि कैचअप काफी मसालेदार होता है।
किंडर जॉय
भारत में तो किंडर जॉय की ऐड देख कर ही बच्चे अपने माता-पिता से इसे खाने की ज़िद करने लगते है। भारत में बच्चों की यह पसंदीदा चॉक्लेट है। लेकिन यूनाइटेड स्टेट्स में किंडर जॉय बैन है। यूएस गवर्मेंट बच्चों के फूड आइटम्स को लेकर बहुत सावधान रहती है। वहां गवर्मेंट प्लास्टिक की सख्त विरोधी है। वहां बच्चों की खाने की चीज़ें बहुत सावधानी से पैक होतीं है।
डेयरी प्रोडक्ट
कनाडा और यूएसए के कुछ राज्यों में क्रीम मिल्क और डेयरी प्रोडक्टस पर बैन है, क्योंकि इन प्रोडक्टस में ज्यादा मात्रा में जर्म्स पाए गए है। इनके सेवन के कारण फूड पॉयजनिंग हो सकती है।
मैक्रोनी
नॉर्वे और ऑस्ट्रीया में मैक्रोनी और चीज़ उसके कलर की वजह से बैन है, क्योंकि इस कलर के फूड को बच्चों के लिए अच्छा नहीं माना जाता। हैरानी की बात तो यह है कि सिर्फ मैक्रोनी और चीज़ ही नहीं, इस कलर के जितने भी फूड आइटम्स है, उन सब पर बैन है।
यह भी पढ़ें :
क्या गर्मियों में अंडे खाना चाहिये? जबाव है इस पोस्ट में!
खाना खाते समय याद रखें यह जरूरी बातें !