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‘स्टारगेजिंग’ – शौक तारों को निहारने का

कितनी ही बार आपने रात के समय आकाश को देखा होगा और इसकी सुंदरता से चकित भी हुए होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह एक दिलचस्प शौक भी हो सकता है। रात के आकाश को देखने के शौक को ‘स्टारगेजिंग’ कहा जाता है।

इस शौक की शुरूआत के लिए आपको क्या करना चाहिए :

  • खगोल विज्ञान के बारे में पढ़ें और अंतरिक्ष से खुद को परिचित करें। इसके लिए आप किताबें पढ़ सकते हैं या इंटरनैट पर भी सर्च कर सकते हैं।
  • किसी प्लैनेटेरियम’ में जाएं। तारों तथा ग्रहों से परिचित होने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है।
  • एक स्टार मैप’ यानी तारों का मानचित्र प्राप्त करें और सौरमंडल व तारों समूहों (कांस्टीलेशन्स) के बारे में अधिक जानें।

‘स्टारगेजिंग’ के दौरान ध्यान में रखने वाली बातें।

  • सभी तरह की तेज रोशनी को दृष्टि से दूर रखें।
  • आकाश जितना हो सके साफ होना चाहिए।
  • आपको एक अच्छे क्षितिज की आवश्यकता है इसलिए किसी ऊंची इमारत की छत इसके लिए आदर्श होनी चाहिए।

उपकरण जो आपके मददगार हो सकते हैं

शुरूआत के लिए दूरबीन सबसे अच्छी हैं क्योंकि वे आपको चांद का क्रेटर देखने में मदद करती हैं। वे निहारिकाओं और धूमकेतुओं को देखने के लिए भी अच्छी हैं।

वैसे टैलीस्कोप आपको सबसे अच्छा नजारा दिखा सकते हैं। आप उनके माध्यम से ग्रहों, चंद्रमा, आकाशगंगाओं और निहारिकाओं को साफ-साफ देख सकते हैं।

तारों को देखने के लिए अच्छी जगहें

जहां शाम से सुबह के बीच आकाश साफ हो, दक्षिण दिशा की ओर स्थितिज के बीच कोई व्यवधान न हो, भवन, ऊंचे पेड़ आदि, शहरी रोशनी न हो वही स्थान श्रेष्ठ है। ऐसे में ये घर की छत भी हो सकता है।

पंजाब केसरी से साभार

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