भारत में लोग जब आपस में मिलते हैं तो अभिवादन करने के लिए ‘प्रणाम‘ या ‘नमस्ते‘ कहते हैं। पारंपरिक तौर पर झुक कर ‘नमस्ते’ कहा जाता है। ‘नमस्ते’ का शाब्दिक अर्थ भी यही है कि मैं आपको झुक कर नमन करता हूँ। प्राचीन भारत में बुजुर्ग लोगों का अपने निकट संबंधियों तथा मित्रों से गले मिलना आम बात थी।
आज इस पोस्ट में हम जानेंगे अभिवादन करने के अनोखे तरीकों के बारे में, तो चलिए जानते हैं :-
बुजुर्गों का चक्कर लगाना
बुजुर्गों तथा वरिष्ठ लोगों का अभिवादन करने से पहले उनके चारों ओर चक्कर लगाने का रिवाज था। आजकल हम अपने बुजुर्गों का चक्कर नहीं लगाते परंतु कम से कम मंदिरों में हमने यह परम्परा कायम रखी हुई है। हम एक से तीन बार भगवान की प्रदक्षिणा करते हैं और फिर भगवान के सामने खड़े होते तथा प्रार्थना करते हैं।
एक-दूसरे से नाक रगड़ना
न्यूजीलैंड के माओरी लोग दूसरे की नाक से साथ अपनी नाक रगड़ कर एक दूसरे का अभिवादन करते हैं। एस्कीमोज भी नाक रगड़ कर ही अभिवादन करते हैं।
ताली बजाने की रीत
जिम्बाब्वे में किसी से मिलने पर ताली बजाने की रीत है।
जीभ दिखाना
तिब्बत के लोग अभिवादन करते समय अपने माथे टकराते हैं या कई जगह जीभ भी दिखाई जाती है।
झुक कर अभिवादन
चीन, जापान तथा थाईलैंड में झुक कर अभिवादन किया जाता है। कई बार अधिक इज्जत देने के लिए वे और अधिक नीचे झुकते जाते हैं।
एक-दूसरे के गाल पर ‘Kiss’
बेल्जियम में एक-दूसरे के गाल पर ‘Kiss’ करके अभिवादन किया जाता है।
बड़ों का हाथ अपने माथे से लगाकर
फिलीपींस में अभिवादन के तरीके को ‘‘मनो’’ या ‘‘पैगामानो’’ कहते है, यह एक ‘‘सम्मान-भाव’’ है, जिसका उपयोग फिलीपीनी संस्कृति में बुजुर्गों के सम्मान के रूप में और बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
अभिवादन के ये पारम्परिक तथा रंग-बिरंगे ढंग अब लुप्त होते जा रहे हैं और इनकी जगह ले ली है पश्चिमी स्टाइल ने। आजकल लोग केवल एक-दूसरे हाथ मिलाते हैं।
इसका एक ढंग जो अब विश्व भर में खूब प्रचलित है – वह है ‘हाय’। भारत में अभी भी दुख प्रकट करने के लिए ही इस शब्द का प्रयोग किया जाता है जबकि पश्चिमी जगत में यह अभिवादन का ढंग है।