इंसान गलतियों का पुतला होता है। गलती हर एक इंसान से होती है। लेकिन इन गलतियों से इंसान को सबक लेना चाहिए। ऐसे ही इतिहास में बहुत सी ऐसी गलतियां हुई, जिनकी इतिहास को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ी। आइए जानते है, इतिहास की इन गलतियों के बारे में:
टाइटैनिक जहाज
टाइटैनिक जहाज, जो कि हिम पर्वत से टकरा कर समुंदर में डूब गया था, लेकिन टाइटैनिक जहाज को डूबने से बचाया जा सकता था। जहाज की सभी दूरबीन एक लॉकर में रखी गयी थी, उस लॉकर की चाबी गुम हो गयी थी। अगर जहाज के क्रू मेंबर के पास वह दूरबीन होती, तो वह हिम पर्वत को पहले ही देख लेते और ये दुर्घटना होने से बच जाती।
बर्लिन की दीवार
1961 में जर्मनी के बर्लिन में एक दीवार खड़ी कर दी गई थी, जिसने बर्लिन शहर को पूर्वी और पश्चिमी टुकड़ों में बांट दिया था। 1989 में एक बार जर्मनी के ग्वेन्टर ने अपनी स्पीच में एक रिपोर्टर के सवाल का हडबडाहट कर जवाब दे दिया कि जल्द ही बर्लिन की इस दीवार को गिरा दिया जाएगा।
जबकि उसे बोलना था कि आगे जाकर भविष्य में इसे गिरा दिया जाएगा। जिस कारण ईस्ट और वेस्ट जर्मनी के बहुत लोग दीवार के पास इक्कठा हो गए और दंगे फसाद जैसा माहौल बन गया था। इस हादसे में बहुत लोगों की जान गई और सरकार को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा था।
अलास्का का बेचा जाना
1867 में रूस ने अलास्का को अमेरिका को सिर्फ 72 लाख डॉलर में बेच दिया था। अलास्का अमेरिका के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। अलास्का में भरपूर तेल के भंडार, नैचुरल गैस, पेट्रोलियम पदार्थ, गोल्ड और हीरे की खदान आदि कुछ है। अलास्का की कीमत अरबों डॉलर में हैं। अलास्का को बेहद कम कीमत पर बेचने का पछतावा रूस को हमेशा रहेगा।
मोहम्मद गोरी को जान से ना मारना
पृथ्वीराज चौहान अजमेर और दिल्ली के हिंदू क्षत्रिय राजा थे और मोहम्मद गोरी 12वीं शताब्दी का अफ़ग़ान का सेनापति था। पृथ्वीराज चौहान ने तराइन के पहले युद्ध में मोहम्मद गोरी को पराजित कर दिया था। लेकिन उन्होंने मोहम्मद गोरी को पराजित कर के जान से नहीं मारा, उसे ज़िंदा जाने दिया।
मोहम्मद गोरी ने थोड़े टाइम बाद फिर हमला कर दिया था और इस बार पृथ्वीराज चौहान के हारने के साथ ही भारत पर इस्लाम का कब्जा हो गया, जो 800 सालों तक रहा। पृथ्वीराज चौहान की यह गलती पूरे भारत को बहुत महंगी साबित हुई।
नासा का मंगल जलवायु ऑर्बिटर
नासा ने मंगल ग्रह पर जलवायु के अध्ययन के लिए मंगल जलवायु ऑर्बिटर डिज़ाइन किया था। लेकिन नासा के इंजीनियर मेज़रमेंट यूनिट को पाउंड से न्यूटन में बदलना भूल गए, जिस कारण ऑर्बिटर मार्टिन वायुमंडल में ही जल गया। इंजीनियरों की एक गलती के कारण 125 मिलियन डॉलर की सैटेलाइट नष्ट हो गई थी।
द मोरिस वृम (कृमि)
यह एक इंटरनेट वायरस है, रॉबर्ट मोरिस नामक छात्र ने गलती से यह इंटरनेट वायरस बना दिया था। इस वायरस की वजह से डेटा लीक होने का खतरा बढ़ गया था, जिस कारण लोग भी पेरशान हो गए थे। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए तुरंत उपाय किए गए थे, जिस पर लाखों डॉलर खर्च हुए थे।
हिरोशिमा बम विस्फोट
विश्व युद्ध के दौरान सहयोगी देशों ने जापान को आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था, जिसके जवाब में किटोरीसुजुकी ने लिखा ‘मोकूसातसू’। इस शब्द के जपानी भाषा में बहुत सारे मतलब हैं, किटोरीसुजुकी का यह शब्द कहने का ये मतलब था कि जापान इस बारे में विचार कर रहा है।
लेकिन दुर्भाग्य पूर्ण ट्रांसलेटर ने इस शब्द का गलत अनुवाद किया और कहा कि जापानी सरकार सहयोगी देशों की युद्ध विराम की दरखास्त को नज़र अंदाज कर रही है, इसी कारण 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने हिरोशिमा पर बमबारी कर दी और जापान की पुरी अर्थव्यवस्था तहस-महस हो गई। जापान की यह गलती जापान के साथ और देशों को भी बहुत महंगी साबित हुई।
स्पिनच (पालक) द सूप्रफूड
पालक पर एक अध्ययन किया गया था, केमिस्ट डॉक्टर ने इस की रिपोर्ट में 3.5 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम आयरन मात्रा लिखना था, लेकिन उसने गलती से 35 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम मात्रा लिख दिया।
इस रिपोर्ट को जांच पड़ताल किए बिना ही छाप दिया गया था। इस रिपोर्ट के कारण पालक को स्पिनच द सूपरफूड बना दिया गया। इस गलती के कारण यह बात प्रचलित हो गई कि पालक में आयरन की मात्रा सबसे अधिक होती है, जब कि यह सच नहीं है।
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