Friday, December 5, 2025
18.1 C
Chandigarh

“शनिवारवाडा” किले में आज भी भटकती है राजकुमार की आत्मा

वैसे तो भारत के इतिहास में किलों के लिए राजस्थान सबसे ज्यादा मशहूर है। लेकिन महाराष्ट्र के पुणे में भी एक मशहूर किला है, जो मराठा साम्राज्य की शान कहा जाता है। इस किले को ‘शनिवारवाडा फोर्ट’ के नाम से जाना जाता है। इस किले की नींव शनिवार के दिन रखी गयी थी, इसलिए इसका नाम ‘शनिवारवाडा’ पड़ गया। इस किले का निर्माण 1746 ई. में बाजीराव पेशवा ने करवाया था।

कहा जाता है कि बाजीराव की मृत्यु के बाद महल में सत्ता की लालच में षड्यंत्र शुरू हो गए थे। 18 साल की उम्र में नारायण राव की हत्या कर दी गयी थी। नारायण राव के चाचा ने ही उसकी हत्या करवाई थी।

[adinserter block=”33″]जब हत्यारे नारायण को मारने के लिए आये, वह अपने बचाव के लिए ‘काका माला वाचवा’ (चाचा मुझे बचाओ) कहता हुआ भागा। लेकिन उसे किसी ने नहीं बचाया। कहा जाता है कि महल में राजकुमार की आज भी आत्मा भटकती है। अंधेरी रातों में महल में से ‘काका माला वाचवा’ चीखने की आवाज़ें आती है।

1828 ई. में इस महल में आग लग गई थी और महल का बड़ा ह‌िस्सा आग की चपेट में आ गया था। यह आग कैसे और क्यों लगी, यह बात आज तक रहस्य बनी हुई है। कहते है जब महल में आग लगी थी, उस वक्त वहां कुछ बच्चों की आग में जलने से मौत हो गई थी। लेकिन इस बात को दबा दिया गया था।

[adinserter block=”33″]हर रात महल के अंदर से बच्चों के रोने और चिल्लाने के आवाज़ें आती है। पूर्णिमा की रात महल और भी ज्यादा डरावना और भुतहा लगता है। इसी कारण यह महल भारत की टॉप 10 डरावनी और भुतहा जगहों में शामिल हो गया है। यहां सुबह से शाम तक तो पर्यटक आ सकते है, लेकिन शाम होने के बाद इस महल को बंद कर दिया जाता है।

यह महल बेहद खूबसूरत है। महल में कुल पांच दरवाज़ें है, दिल्ली दरवाज़ा, मस्तानी दरवाज़ा, खिड़की दरवाज़ा, नारायण दरवाज़ा और गणेश दरवाज़ा। इस महल में 17-18 वीं सदी की वस्तुओं और मूर्तियों को रखा गया है।

यह भी पढ़ें :

गुड़गांव का एक भूतहा घर, जहां अपने आप चलती है खिलौने वाली कार

170 सालों से कुलधरा गाँव पड़ा है वीरान

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow

MOST POPULAR