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बेजोड़ मशीन है “हमारा शरीर” जानिए कुछ दिलचस्प तथ्य!!

हमारा शरीर क्रमिक विकास के दौरान एक ऐसी मशीन का रूप ले चुका है जिसकी तुलना विज्ञान की मदद से बनाई कोई भी कृत्रिम मशीन आज भी नहीं कर सकती है।

यहां आपको इंसानी शरीर से जुड़े कुछ हैरानीजनक तथा दिलचस्प तथ्य बता रहे हैं। फेफड़े हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती कि हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं। फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो ये टैनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे।

कोशिकाएं : हमारा शरीर हर सैकेंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है। साथ ही, हर दिन 200 अरब से ज्यादा रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। हर वक्त शरीर में 2500 अरव रक्त कोशिकाएं मौजूद होती हैं। एक बूंद खुन में 25 करोड़ कोशिकाएं होती हैं।

खून : इंसान का खून हर दिन शरीर में 1,92,000 किलोमीटर का सफर करता है। हमारे शरीर में औसतन 5.6 लीटर खून होता है जो हर 20 सैकेंड में एक बार पूरे शरीर में चक्कर काट लेता है।

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हृदय : एक स्वस्थ इंसान का हृदय हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है। साल भर में यह 3 करोड़ से ज्यादा बार धड़क चुका होता है। दिल का पम्पिंग प्रैशर इतना तेज होता है कि वह खून को 30 फुट ऊपर उछाल सकता है।

आंखें : इंसान की आंख 1 करोड़ रंगों में बारीक से बारीक अंतर पहचान सकती है। फिलहाल दुनिया में ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसका मुकाबला कर सके।

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नाक: हमारी नाक में प्राकृतिक एयर कंडीशनर होता है। यह गर्म हवा को ठंड और ठंडी हवा को गर्म कर फेफड़ों तक पहुंचाता है।

तंत्रिका तंत्र : तंत्रिका तंत्र 400 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से शरीर के बाकी हिस्सों तक जरूरी निर्देश पहुंचाता है। इंसानी मस्तिष्क में 100 अरब से अधिक तत्रिका कोशिकाएं होती हैं।

पानी एवं खनिज : हमारे शरीर में 70 प्रतिशत तक पानी होता है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में कार्बन, जिंक, कोबाल्ट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट, निकल और सिलिकॉन जैसे तत्व भी होते हैं।

छींक : छींकते समय बाहर निकलने वाली हवा की रफ्तार 166 से 300 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। आंखें खोलकर छींक मारना नामुमकिन है।

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बैक्टीरिया: इंसान के वजन का एक हिस्सा शरीर में मौजूद बैक्टीरिया की वजह से होता है। एक वर्ग इंच त्वचा में 3.2 करोड़ बैक्टीरिया होते हैं।

आंखें : आंखें बचपन में ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं। बाद में उनमें कोई विकास नहीं होता जबकि नाक और कान पूरी जिंदगी विकसित होते रहते हैं। कान लाखों आवाजों में अंतर पहचान सकते हैं। कान 1,000 से 50,000 हर्ट्ज के बीच की ध्वनि तरंगे सुनते हैं।

दांत : इंसान के दांत चट्टान की तरह मजबूत होते हैं लेकिन शरीर के दूसरे हिस्से अपनी मुरम्मत खुद कर लेते हैं जबकि दांत बीमार होने पर खुद को दुरुस्त नहीं कर पाते इसीलिए वे सड़न से खराब हो जाते हैं।

लार : क्या आप जानते हैं कि हमारे मुंह में हर दिन 1.7 लीटर लार बनती है जो हर तरह के खाने को पचाने के साथ ही जीभ में मौजूद 10,000 से ज्यादा स्वाद ग्रंथियों को नम बनाए रखती है।

पलकें : वैज्ञानिकों को लगता है कि पलकें आंखों से पसीना बाहर निकालने और उनमें नमी बनाए रखने के लिए झपकती हैं। कहते हैं कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में दोगुनी बार पलकें झपकाती हैं।

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नाख़ून : हमारे शरीर में अंगूठे का नाख़ून ही सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ता है जबकि मध्यमा या मिडिल फिंगर का नाखून सबसे तेजी से बढ़ता है।

बाल : पुरुषों में दाढ़ी के बाल सबसे तेजी से बढ़ते हैं। अगर कोई शख्स पूरी जिंदगी शेविंग न करे तो दाढ़ी 30 फुट तक भी लम्बी हो सकती है। एक स्वस्थ इंसान के सिर से हर दिन 80 बाल झड़ते हैं।

भोजन : एक इंसान आमतौर पर जिंदगी के पांच साल खाना खाने में गुजार देता है। हम तास अपने वजन से 7,000 गुना ज्यादा भोजन खा चुके होते हैं।

इसलिए जरूरी है नींद : नींद के दौरान इंसान की ऊर्जा खर्च होती रहती है। दिमाग अहम सूचनाओं को स्टोर करता है। शरीर को आराम मिलता है और मुरम्मत का काम भी होता है।

नींद के ही दौरान शारीरिक विकास के लिए जिम्मेदार हार्मोन्स निकलते हैं। इंसान सपने भी देखते हैं और दुनिया में आने से पहले ही यानी मां के गर्भ में ही हम सपने देखना शुरू कर देते हैं।

पंजाब केसरी से साभार

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