15 अगस्त 2023 को भारत अपनी आज़ादी का 77वां साल मना रहा है। 200 सालों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ था जो कि सन 1857 से शुरू हुई क्रांति से शुरू होकर लगभग 100 साल तक चले अनवरत संघर्ष का परिणाम था।
आज़ादी के लिए भारत के कई वीरों और वीरांगनाओं ने अपने जीवन का बलिदान दिया है जिसके कारण आज हम आजादी के ये दिन देख पा रहे है। जाहिर है कि इस दिन के साथ हमारे देश के लोगों की बहुत सी यादें जुडी हुई है।
हमने भारत की स्वतंत्रता पर कुछ रोचक तथ्य और जानकारियाँ एकत्रित की हैं जो हम यहाँ आपके साथ शेयर करना चाहते हैं।उम्मीद करते हैं कि आपको ये पसंद आयेंगे। स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं!!
- 14 अगस्त की मध्यरात्रि को जवाहर लाल नेहरू ने अपना ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ दिया था। जबकि वे देश के पहले प्रधानमंत्री 15 अगस्त की सुबह बने थे। इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना था लेकिन महात्मा गांधी ने इसे नहीं सुना क्योंकि वे अपनी दिनचर्या के अनुसार जल्दी सोने चले गए थे।
- 15 अगस्त, 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन ने अपने दफ़्तर में काम किया। दोपहर में नेहरू ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल की सूची सौंपी और बाद में इंडिया गेट के पास प्रिसेंज गार्डेन में एक सभा को संबोधित किया।
- भारत का राष्ट्रीय ध्वज पहली बार 7 अगस्त 1906 को कलकत्ता के पारसी बागान स्क्वायर में फहराया गया था, लाल किले में नहीं, और इसमें लाल, पीले और हरे रंग की लम्बवत(horizontal) धारियां थीं।
- जिस दिन 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ, उस समय भारत का कोई राष्ट्रगान नही था. 1950 में “जन गण मन ” को भारत के राष्ट्रगान का गौरव मिला था लेकिन आजादी के वक्त केवल नेहरु जी के भाषण और लोगो में आजादी का उत्साह ही उनके राष्ट्रगान का प्रतीक था। वैसे हमारे राष्ट्रगान “जन गण मन ” को 1911 को ही लिखा जा चुका था।
- भारत के अहिंसक स्वाधीनता आंदोलन का संचालन महात्मा गांधी ने किया था। लेकिन जब देश को 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली, तो वे इस जश्न में शामिल नहीं हुए थे, क्योंकि वह दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।
- जब तय हो गया कि भारत 15 अगस्त को आजाद होगा, तो जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी को एक पत्र भेजा। इस पत्र में लिखा था, 15 अगस्त हमारा पहला स्वाधीनता दिवस होगा। आप राष्ट्रपिता हैं, इसमें शामिल हो कर अपना आशीर्वाद दें। गांधी ने इस ख़त का जवाब भिजवाया, जब कलकत्ता में हिंदु-मुस्लिम एक दूसरे की जान ले रहे हैं, ऐसे में मैं जश्न मनाने के लिए कैसे आ सकता हूं। मैं दंगा रोकने के लिए अपनी जान दे दूंगा।
- महात्मा गांधी भारत के विभाजन से मिलने वाली स्वाधीनता के घोर-विरुद्ध थे। उनका कहना था कि विभाजन उनकी लाश पर होगा, और अंतत: हुआ भी ऐसा ही, उनकी मौत का कारण भारत का विभाजन ही बना।
- महात्मा गांधी अहिंसा के मार्ग पर चलकर आजादी चाहते थे लेकिन कुछ लोगों का मानना था कि आजादी किसी भी कीमत पर मिले मंजूर है। इसके चलते भगत सिंह, सुखदेव, चंद्रशेखर आज़ाद और सुभाष चंद्र बोस जैसे वीरों ने आज़ादी के लिए अलग रास्ता अपना लिया.
- भारत अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाता है, जबकि पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना आज़ादी दिवस मनाता हैं। इसका कारण यह है कि आजादी की घोषणा से एक दिन पहले भी भारत विभाजन की घोषणा कर दी गयी थी.
- 15 अगस्त तक भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण नहीं हुआ था। इसका फ़ैसला 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ।
- यह लार्ड माउंटबेटन ही थे जिन्होंने निजी तौर पर भारत की स्वतंत्रता के लिए 15 अगस्त का दिन तय किया क्योंकि इस दिन को वह अपने कार्यकाल के लिए बेहद सौभाग्यशाली मानते थे।
- स्वतंत्रता के बाद पुर्तगाल ने अपने संविधान में बदलाव करके एक खेल खेला और गोवा को अपना राज्य घोषित कर लिया, लेकिन 19 दिसम्बर 1961 को भारतीय सशस्त्र बलों ने गोवा पर कब्ज़ा कर लिया और इसे भारत में जोड़ा।
- लालकिले पर झंडा भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त को फहराया जाता है, लेकिन 1947 में लाल किले पर नेहरु ने झंडा 15 को नहीं, बल्कि 16 अगस्त को फहराया था।
- 15 अगस्त 1947 को शुक्रवार का दिन था।
- 15 अगस्त को भारत के अलावा तीन अन्य देशों का भी स्वतंत्रता दिवस है।
- दक्षिण कोरिया जापान से 15 अगस्त, 1945 को आज़ाद हुआ था। ब्रिटेन से बहरीन 15 अगस्त, 1971 को और फ्रांस से कांगो 15 अगस्त, 1960 को आज़ाद हुआ था।