Thursday, November 21, 2024
23.7 C
Chandigarh

जानिए ‘पैराशूट’ का इतिहास और कुछ रोचक तथ्य

पैराशूट यानी हवाई छतरी का संबंध हम हवाई जहाजों के साथ जोड़ते हैं लेकिन पैराशूट का आविष्कार हवाई जहाजों से काफी पहले हो गया था, ताकि लोगों को ऊंची जलती इमारतों से बच निकलने के सक्षम बनाया जा सके।

दुनिया में पहला व्यावहारिक रूप से सफल पैराशूट बनाने का श्रेय फ्रांसीसी नागरिक लुइ सेबास्तियन लेनोर्मां को जाता है, जिन्होंने वर्ष 1783 में इसका पहली बार सार्वजनिक प्रदर्शन किया था।

हालांकि पंद्रहवीं सदी के दौरान लिओनार्दो दा विंची ने सबसे पहले पैराशूट की कल्पना करते हुए इसका रेखाचित्र भी तैयार किया था।

दा विंची की इस डिजाइन से प्रेरणा लेकर फॉस्ट ब्रांसिस ने वर्ष 1617 में एक सख्त फ्रेम वाला पैराशूट पहनकर वेनिस टॉवर से छलांग लगाई थी। उन्होंने अपने इस पैराशूट को होमो वोलंस नाम दिया था।

विंची की इस डिजाइन से प्रेरणा लेकर 1617 में एक इतालवी खोजकर्ता, फॉस्ट ब्रांसिस ने अपने द्वारा डिजाइन (यह चौकोर आकृति में तथा कपड़े से ढंका था) एक पैराशूट को बांध कर एक वेरांजिओ गिरजाघर की मीनार से छलांग लगा दी। देखने वालों ने सोचा कि वह अपनी गर्दन तुड़वा बैठेगा लेकिन फौस्टे सुरक्षित ज़मीन पर उतरने में सफल रहे।

अपने जीवन को जोखिम में डालने के बावजूद, फौस्टे को कभी भी वह पहचान नहीं मिली, जिसके वह पैराशूट के साथ कूदने वाले पहले व्यक्ति के तौर पर हकदार थे।

यह उपलब्धि फ्रांसीसी सेबेस्टियन लेनोमांड के खाते में गई, जिन्होंने 1783 में एक दिन एक ऊंची इमारत से छलांग लगाई और बिना घायल हुए धरती पर सकुशल उतर आए।

पैराशूट के नियम का प्रदर्शन करने वाला पहला व्यक्ति होने का श्रेय लेनोमांड को जाता है। इन सभी व्यक्तियों ने ऊंची इमारतों से छलांग लगाई परंतु बैलून यानी गुब्बारे से कूदने वाला व्यक्ति था जैक्स गार्नेरिन।

22 अक्तूबर, 1797 को गार्नेरिन ने एक बैलून में पैरिस के ऊपर उड़ान भरी। बैलून के गोंडोला के साथ जुड़ा पैराशूट उसके एक तरफ आधा-अधूरा लटका हुआ था। 700 मीटर की ऊंचाई पर गानेंरिन ने काट कर बैलून को गोंडोला से अलग कर दिया।

गोंडोला धरती की ओर गिरने लगा। नीचे ज़मीन पर खड़े दर्शक भयभीत होकर देख रहे थे, उन्हें विश्वास हो गया था कि गार्नेरिन अब जीवित नहीं बचेंगे।

तब अचानक पैराशूट खुल गया। पैराशूट एक से दूसरी तरफ मंडरा रहा था और गानेंरिन तूफानी सागर के ऊपर यहां वहां पटखनियां खा रहा था मगर आखिरकार वह सकुशल धरती पर उतरने में सफल रहा।

गार्नेरिन के बाद, कैथचेन पॉलस नामक एक महिला सहित कई अन्य ने पैराशूट के विकास में योगदान दिया, जिसका इस्तेमाल न केवल वे पायलट करते हैं, जिन्हें जल्दबाजी में अपने विमान को छोड़ना पड़ता है, बल्कि इनका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार गिराने, जैसे बाढ़ पीड़ितों या सैन्य आपूर्ति के लिए, लैंड कर रहे अंतरिक्ष यानोंकी रफ्तार को कम करने के लिए तथा युद्ध के समय सैनिकों को उतारने के लिए किया जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR