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जानिए क्यों आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों को चबाने की मनाही है।

तुलसी के पौधे का धार्मिक और आयुर्वेदिक दृष्टि से विशेष महत्‍व है। एक ओर जहां हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है, तो वहीँ दूसरी ओर इसके सेवन से कई बीमारियां भी ठीक होती हैं।

आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों का औषधीय रूप से उपयोग किया जाता है। इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते  हैं। आयुर्वेद में तुलसी को सेहत के लिए फायदेमंद बताया गया है।

इसमें माइक्रोबियल-रोधी, सूजन-रोधी, गठिया-रोधी, लिवर को सुरक्षा देने वाले, डायबिटीज-रोधी और दमा-रोधी गुण पाए जाते हैं l

आइए जानते हैं तुलसी कैसे शरीर के लिए असरकारक औषधि का काम करती है :-

डॉक्टर कोरोना वायरस के लिए भी तुलसी के पत्तों के काढ़े की सलाह देते हैं। तुलसी के पत्ते मौसमी बुखार और सर्दी, खांसी के लिए भी रामबाण इलाज है।

आयुर्वेद में भी तुलसी के पत्ते की चाय पीने की सलाह दी जाती है। इससे कई बीमारियों से राहत मिलती है। हालाँकि आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों को चबाना मना है।

इसलिए तुलसी के पत्तों को नहीं चबाते

तुलसी की पत्तियों में काफी मात्रा में लौह तत्व व पारा पाया जाता है, जो हमारे दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है इसलिए आयुर्वेद में तुलसी को चबाने से मना किया गया है।

इसके अलावा तुलसी के पत्ते में कुछ मात्रा में आर्सेनिक भी पाया जाता है, जो दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है। यदि प्रतिदिन तुलसी की पत्तियों को चबाएंगे तो वह मुंह में मौजूद क्षार तत्वों से मिल जाने पर दांतो में सड़न संबंधित खतरा बढ़ जाता है।

तुलसी की पत्तियां प्राकृतिक रूप से में थोड़ी अम्लीय यानि एसिडिक होती हैं, जिससे दांतों में दर्द की शिकायत हो सकती है इसलिए तुलसी के पत्ते लेते समय ध्यान रखें कि इसे चबाने के बजाय चाय या अर्क बनाकर इनका सेवन करना बेहतर है।

इम्यून सिस्टम को बेहतर करती है तुलसी

आपको ये जानकर हैरान होगी कि तुलसी मानसिक तनाव को कम करने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी ठीक करती है। अनेक शोध में पता चला है कि तुलसी में एंटी-स्ट्रेस गुण पाए जाते हैं।

इसके अलावा तुलसी शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को भी संतुलित करती है। गौरतलब है कि कोर्टिसोल एक प्रकार का हार्मोन होता है, जिसका संबंध मानसिक तनाव से होता है।

तुलसी से श्वसन संबंधी बीमारियों, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों आदि का संक्रमण भी दूर हो जाता है।

तुलसी के पत्तों का सेवन कैसे करें

सबसे सरल और आसान तरीका तुलसी के पत्तों से बनी चाय पीना है। इसके लिए तुलसी के पत्तों को पानी में उबालें और इसका सेवन करें।

यदि आप चाहें, तो आप अपनी पसंद के लिए अन्य मसाले और जड़ी बूटियों को भी जोड़ सकते हैं। इस चाय को पीने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह कैफीन मुक्त है।

तुलसी के पत्ते खाने से उच्च रक्तचाप कम होता है। रोजाना तुलसी के पत्ते की चाय पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है।

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