आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि गिरगिट ही रंग बदलने में माहिर होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दुनिया में और भी कई जीव रंग बदलने में माहिर हैं उन्हीं में से एक हैं यह दुर्लभ मछली, जो गिरगिट की तरह ही रंग बदल सकती है।
यह दुर्लभ मछली हाल ही में भारतीय जलस्त्रोत में पायी गई है। इस मछली की खोज पहली बार भारत में की गई है। सेंट्रल मरीन फिशरीज इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों को यह दुर्लभ मछली मन्नार की खाड़ी में दिखी थी।
इस दुर्लभ मछली का नाम है स्कॉर्पियन फिश, जिसका वैज्ञानिक नाम स्कॉर्पिनोस्पिसिस नेगलेक्टा है। सेंट्रल मरीन फिशरीज इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉ. जेयाबास्करन ने बताया, कि जब हमने पहली बार इसे देखा तो वह घास में छिपी हुई थी।
पता ही नहीं चल रहा था कि वो कोई मछली है या पत्थर का छोटा टुकड़ा, लेकिन चार सेकंड के बाद ही उसने जब अपने शरीर का रंग बदल कर काला कर लिया, तब समझ में आया कि यह स्कॉर्पियन फिश है।
यह मछली बहुत ज़हरीली और तेज होती है। स्कॉर्पियन फिश शिकार करते समय या शिकारियों से बचाव के समय ही अपना रंग बदलती है। रंग बदलने में माहिर यह मछली बेहद ज़हरीली भी है।
इसके रीढ़ की हड्डी में जहर भरा हुआ रहता है। इसे पकड़ने के लिए बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है, नहीं तो यह पल भर में जहर उड़ेल देती है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जो अगर इंसान के शरीर में चला जाए तो भयानक दर्द होता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक समुद्र की गहराईयों में रहने वाली स्कॉर्पियन फिश रात में शिकार करती है। वह एक जगह दुबक कर पहले शिकार के पास आने का इंतजार करती है और पास आते ही उसपर तेज़ी से हमला कर देती है।
डॉ. जेयाबास्करन ने कहा कि इस दुर्लभ मछली को नेशनल मरीन बायोडायवर्सिटी म्यूजियम में भेजा गया है ताकि इसके बारे में गहन अध्ययन किया जा सके।
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