चीन में घातक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 2,000 के पार हो गई है जबकि इसके कुल 74,185 मामलों की पुष्टि की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि इससे मरने वालों की संख्या 2,004 हो गई है। वहीं इसके 1,749 नए मामले सामने आए हैं।
कोरोना वायरस क्या है?
कोरोना वायरस, वायरसों का एक बड़ा समूह है, जो कि आमतौर पर जानवरों में पाया जाता है। यह वायरस सांप, ऊंट, बिल्ली तथा चमगादड़ सहित कई पशुओं में भी प्रवेश कर रहा है। दुर्लभ स्थिति में पशु मनुष्यों को भी संक्रमित कर रहें हैं। इसमें सांस संबंधी बीमारियां और बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत इस संक्रमण के लक्षण हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है। इस वायरस स्थिति मिडल ईस्ट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम (एमईआरएस) और सेवल एक्युट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम (सार्स) से काफी मिलती जुलती है।
कोरोना वायरस से व्यक्ति कैसे मरता है?
कोरोना वायरस सांस की बीमारियों के साथ फैलना बहुत आम हैं जैसे सूखी खांसी, सांस की तकलीफ। कुछ लोगो को बुखार, सिरदर्द, गले में खराश ,थकान आदि होती है । कोरोना वायरस फेफड़ों पर हमला करता है। जैसे ही वायरस फेफड़ों की कोशिकाओं में प्रवेश करता है, यह कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देता है। और सूजन पैदा कर देता है। इसका मतलब है कि फेफड़ों में वायु की थैली फूल जाती है और द्रव से भर जाती है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। शरीर के अंगों को कार्य करने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, इसलिए जब ऑक्सीजन नहीं होता है, तो लिवर और किडनी फ़ैल जाती है। “ऑक्सीजन की कमी से शरीर में अधिक सूजन और समस्याएं उत्पन हो जाती है । जिससे व्यक्ति मृत्यु जाती है।
कोरोना वायरस कैसे फैलता है?
WHO के मुताबिक कोरोना वायरस एक जूनोटिक है। इसका मतलब है कि यह जानवरों के जरिए व्यक्ति में फैला है। ऐसा माना जा रहा है कि यह वायरस सीफूड खाने से फैला था। लेकिन अब कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा है।
यह वायरस कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। जैसे खांसी, छींक या हाथ मिलाना कोरोना वायरस का कारण बन सकता है।
किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है। इससे सबसे पहले फेफड़े ही प्रभावित हो रहे हैं।
इस वायरस का संक्रमण होते ही संक्रमित व्यक्ति को खांसी और जी मिचलाना (उल्टी ) की शिकायत हो जाती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उपमंत्री ली बिन ने बताया कि कोरोनावायरस सांस के जरिए फैलता है, और इससे ‘वायरल म्यूटेशन’ होने या वायरस के ज़्यादा फैलने की संभावना बनती है l
कोरोना वायरस के लक्षण
- सिरदर्द
- नाक बहना
- खांसी
- गले में ख़राश
- बुखार
- अस्वस्थता का अहसास होना
- छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना
- थकान महसूस करना
- निमोनिया, फेफड़ों में सूजन
रोकथाम
संक्रमण को रोकने के लिए वर्तमान में कोई टीका या उपचार नहीं है। संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका इस वायरस के संपर्क में आने से बचना है। डॉक्टर केवल बुखार और दर्द की दवाई देकर लक्षणों से राहत दे सकते है। विश्व सवास्थ्य संगठन ने सभी देशों को सलाह दी है कि कैसे इस वायरस को कैसे रोका जा सकता है, उसके लिए निम्न उपाय है
- कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं, खासकर बाथरूम जाने के बाद, और खाना खाने से पहले।
- साबुन और पानी आसानी से उपलब्ध न हो तो कम से कम 60% शराब के साथ अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
- अगर हाथ दिखने में गंदे हैं तो हमेशा साबुन और पानी से हाथ धोएं।
- अपनी आंखों, नाक और मुंह को अनचाहे हाथों से छूने से बचें।
- जो लोग बीमार हैं उनके सम्पर्क में आने से बचें।
- यदि आप बीमार है, तो घर पर ही रहें भीड़ से बचें।
- जब आप खाँसते या छींकते है, तो आपने मुँह को ढक लें, और आपके द्वारा स्पर्श की जाने वाली वस्तुओं को कूड़े में फेंक दे।
- नियमित घर की सफाई के लिए स्प्रे या पोंछे का उपयोग करें।
- अंडे और मांस के सेवन से बचेंl
बचाव कैसे करें
कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए सवयं ही अपना बचाव करना होगा जैसे :-
- डॉक्टर से सलाह करें और इस वायरस के लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
- शारीरिक परीक्षण करवायें l
- रक्त की जाँच करवायें l
- थूक के प्रयोगशाला परीक्षण, गले की खराबी से एक नमूना या अन्य श्वसन नमूनों का परीक्षण कर सकते हैं l
कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे पहले दिसंबर माह में चीन के वुहान शहर में देखा गया था । चीन से बाहर 22 देशों में भी कोरोना वायरस के कई मामलों की पुष्टि हुई है l इन देशों में थाईलैंड, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। वैज्ञानिक लियो पून, जिन्होंने पहले वायरस को डिकोड किया था, उन्होंने बताया कि यह वायरस सबसे पहले एक जानवर में शुरू हुआ जोकि अब मनुष्यों में फैल रहा है l भारत में भी इसके तीन मामले सामने आये थे परन्तु अब भारत में इसका एक भी मामला नहीं है।