अरुणाचल प्रदेश भारत का एक उत्तर-पूर्वी राज्य है। अरुणाचल का अर्थ हिन्दी में “उगते सूर्य का पर्वत” है। इसकी राजधानी ईटानगर है। इस प्रदेश की सीमाएं दक्षिण में असम, दक्षिण-पूर्व में नागालैंड, पूर्व में बर्मा (म्यांमार), पश्चिम में भूटान और उत्तर में तिब्बत से मिलती हैं।
आज इस पोस्ट में हम इस खूबसूरत प्रदेश के बारे में जानेंगे कुछ रोचक तथ्य, तो चलिए जानते हैं:-
इस एक राज्य में बोली जाती हैं 30 से 50 भाषाएं
वर्तमान समय में भाषा की दृष्टि से अरुणाचल प्रदेश एशिया का सबसे अधिक विविधतापूर्ण क्षेत्र है जिसमें 30 से 50 प्रतिशत तक विभिन्न भाषाओं के बोलने वाले रहते हैं।
इनमें से अधिकांश भाषाएं तिब्बती-बर्मी परिवार की हैं। हाल के वर्षों में अरुणाचल प्रदेश में हिन्दी का प्रचलन बढ़ा है और अब यह यहां की जनभाषा बन चुकी है।
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार अरुणाचल प्रदेश की आबादी 1,382,611 थी। वर्तमान में अनुमानित जनसंख्या 1,711,947 के लगभग है। जिसमें मुख्य रूप से पश्चिम में मोनपा लोग, केन्द्र में तानी, पूर्व में ताई और राज्य के दक्षिण में नागा लोग रहते हैं।
यहाँ की प्रमुख जनजाति
63 प्रतिशत अरुणाचलवासी 19 प्रमुख जनजातियों और 85 अन्य जनजातियों से संबद्ध हैं। इनमें से अधिकांश तिब्बती-बर्मी या ताई-बर्मी मूल के हैं।
बाकी 35 प्रतिशत जनसंख्या आप्रवासियों की है, जिनमें 31000 बंगाली, बोडो, हजोन्ग, बांग्लादेश से आये चकमा शरणार्थी और पड़ोसी असम, नागालैंड और भारत के अन्य भागों से आये प्रवासी शामिल हैं। सबसे बड़ी जनजातियों में आदि, गालो, निशि, खम्ति, मोंपा और अपातनी प्रमुख हैं।
यहां होता है सबसे पहले सूर्योदय
भारत में सबसे पहले सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश में होता है, इसलिए इसे ‘उगते सूरज की भूमि’ भी कहा जाता है। अरुणाचल प्रदेश के डोंग वैली की देवांग घाटी में भारतीय समयानुसार करीब 2 घंटे पहले सूर्योदय हो जाता है यानी यहां सुबह 4 बजे ही सूर्य निकल आता है।
यह जगह भारत, चीन और म्यांमार के बॉर्डर पर स्थित है। यह घाटी समुद्रतल से 2655 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, इस घाटी में सूर्य की पहली किरण को देखने के लिए सैंकड़ों पर्यटक यहां आते हैं।
इसके अलावा एक और खास बात यह है कि जब दिल्ली में शाम के 4 बजे होते हैं, तब अरुणाचल की देवांग घाटी में रात हो जाती है।
सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थल
यहां पर एक खूबसूरत बौद्ध मन्दिर है। इस मन्दिर का निर्माण तिब्बती शैली में किया गया है। इस मन्दिर की छत से पूरे ईटानगर के खूबसूरत दृश्य देखे जा सकते हैं।
अरुणाचल प्रदेश का सबसे लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशन तवांग मठ है। यह 400 साल पुराना है। यह भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है और ल्हासा के पोताला महल के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मठ है।
ईटानगर में पर्यटक ईटा किला भी देख सकते हैं। इस किले का निर्माण 14-15वीं शताब्दी में किया गया था। इसी किले के नाम पर यहाँ का नाम ईटानगर रखा गया है। पर्यटक इस किले में कई खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। किले की सैर के बाद पर्यटक यहां पर पौराणिक गंगा झील भी देख सकते हैं।
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