अमरीकी और यूरोपियन महिलाओं, खासतौर पर अंग्रेज महिलाओं से शादी करने के लिए भारतीय राजे-रजवाड़े हमेशा उत्सुक रहते हैं। उन सभी राजाओं और राजकुमारों के तो नाम गिनवाने की जरूरत नहीं है, जिन्होंने यूरोपियन तथा अमरीकी महिलाओं से शादी की। परंतु कुछ उदाहरणों से यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्यार की हवा का रुख उस समय क्या था।
तो चलिए जानते हैं इस पोस्ट के माध्यम से:-
दक्षिण भारत की एक रियासत ‘पुत्थूकोट्टा‘ के शासक राजा ‘मार्तंड तोंडिमन बहादुर‘ ने एक विदेशी महिला “मौली फिंक” से शादी की। उन्होंने उसके साथ पूरा यूरोप घूमा था। राजा ने उसे ऐतिहासिक महत्व के कई हीरे-जवाहरात भेंट स्वरूप दिए थे।
पुत्थूकोट्टा की महारानी मौली फिंक
इन दोनों की कपूरथला के महाराजा जगजीत सिंह से खासी दोस्ती थी। कपूरथला नरेश यूरोप और पैरिस के समाजों में जाने-माने थे ही। इसने ही ‘राजा तोंडिमन‘ और उसकी रानी का परिचय पैरिस के समाज में कराया था।
राजा ‘तोंडिमन’ की रानी बड़ी सुंदर महिला थी। लम्बा कद और भव्य आकृति। उसने जल्दी ही अपने आपको भारतीयता के सांचे में ढाल लिया था। वह अक्सर साड़ी पहनती और देखने भालने में बिल्कुल भारतीय महारानी जैसी लगती थी।
पन्ना के महाराजा राजा ‘महेंद्र यादवेंद्र सिंह बहादुर‘ ने भी एक की रानी अंग्रेज महिला से शादी की थी। इनकी पहली रानी भावनगर के महाराजा की पुत्री थी, जिसकी मृत्यु के बाद इन्होंने जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह की बहन से शादी की थी।
चूंकि पन्ना का महाराजा नित नई अंग्रेज महिलाओं के साथ घूमने फिरने का शौकीन था, इसलिए वह गर्मियों में अपनी महारानी को पहाड़ों पर रंगरलियां मनाने के लिए छोड़कर खुद अन्य अंग्रेज महिलाओं के साथ सफर को निकल जाता था।
महारानी पहाड़ों पर जी भरकर मौज मनाती ठाठदार दावतें देती और उन दावतों में अंग्रेज अफसरों तथा मसूरी के गिने चुने लोगों को निमंत्रित करती। इनमें भारतीय राजकुमार और जवान भारतीय अफसर भी होते थे।
वह दिल खोल कर अतिथि सत्कार करती थी। उसके चेहरे से ही वासना टपकती थी। कोई भी उसकी ओर देख कर आकर्षित हुए बिना नहीं रह सकता था।
पालमपुर के नवाब ‘सर ताले मोहम्मद खान‘ की बेगम भी अंग्रेज थी। नवाब ने इसे बेशुमार कीमती हीरे जवाहरात दिए थे। पालमपुर का नवाब अफगानों के ‘यूसुफहोनी‘ वंश का था। उसके बेटे ने भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चल कर एक अंग्रेज महिला से शादी की।
गुजरात के पोरबंदर के महाराजा नटवर सिंह जी की शादी लिम्बड़ी के दौलत सिंह जी की पुत्री राजकुमारी ‘रूपलिब‘ से हुई थी परंतु किसी संतान को जन्म देने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई थी जिसके बाद उन्होंने एक अंग्रेज महिला से नाता जोड़ा।
भारतीय रियासतों के भारत में विलय के बाद नटवर सिंह अपनी भूतपूर्व रियासत में बहुत कम जाते थे। अगर कभी जाते भी तो सिर्फ अपने हीरे-जवाहरात और महल का साज-सामान बेचने के लिए।
इंदौर के महाराजा ‘तुकोजीराव होल्कर‘ तथा उनका सुपुत्र जो उनके बाद इंदौर का महाराजा बना, इन दोनों ने भी अमरीकी महिलाओं से शादी की थी। पंजाब की जींद रियासत के शासक महाराजा रणबीर सिंह राजिंद्र बहादुर ने भी एक अंग्रेज महिला से शादी की थी।
कपूरथला की महारानी अनीता डेलगाडो
कपूरथला के राजा जगतजीत सिंह ने अनीता डेलगाडो से शादी की जो बाद में प्रेम कौर बन गई।
टिकारी की महारानी Elsie Caroline
टिकारी के महाराजा राजी कुमार गोपाल सरन नरैन सिंह ने ऑस्ट्रेलियाई एक्ट्रैस एल्सी कैरोलीन से शादी की।
इनके अलावा और भी कई भूतपूर्व भारतीय राजाओं-महाराजाओं ने विदेशी महिलाओं से विवाह करके उन्हें महारानियां घोषित किया।
पंजाब केसरी से साभार
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