धरती पर सबसे पुराने वृक्षों की बात आए तो ओक ट्री पहले नंबर पर आता है। Oak tree यानि ओक के पेड़ को हिंदी में शाहबलूत, बलूत या बाँज कहा जाता है। इसका वानस्पति नाम Quercus है। ये पेड़ मनुष्यो के साथ साथ जानवरों के लिए भी काफी फलदाई है।
पहले के जमाने में मनुष्य ओक ट्री से ही अपने रहने का घर बनाते थे और जानवर इसी पेड़ की पत्ती को खाकर अपना जीवनयापन करते हैं। ये पेड़ दिखने में काफी विशाल व आकर्षक होते हैं।
आज इस लेख में हम आपको ओक ट्री के बारे में 20 रोचक तथ्य बताने जा रहें हैं, तो चलिए जानते हैं:-
- ओक का पेड़ (Oak Tree) अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई देशों में पाया जाता है। भारत में भी हिमालय क्षेत्र में ओक ट्री मिलता है।
- दुनियाभर में इसकी कई प्रजातियां पायी जाती हैं। मुख्य प्रजातियों में काला ओक, सफेद ओक, लाल ओक, इंग्लिश ओक आदि हैं। एक अनुमान के अनुसार पृथ्वी पर ओक की 600 के करीब प्रजातियां हैं।
- ओक का पेड़ एक विशाल पेड़ होता है। इसकी ऊंचाई करीब 70 फीट तक होती है और फैलाव बहुत ज्यादा होता है। इसकी शाखाओं की लंबाई करीब 130 फीट तक चली जाती है। यह पेड़ बरगद की तरह फैलता है।
- ओक के पेड़ की पत्तियों के किनारों पर दांते या खांचे बने होते हैं। इसकी पत्तियां चौड़ी होती हैं। प्रजाति के अनुसार पत्तियों की बनावट में कुछ अंतर हो सकता है।
- ओक ट्री की खासियत उस पर लगने वाले फल भी हैं। ये फल नट्स की तरह होते हैं, जो ओक के पेड़ पर रहने वाले जीवों का भोजन भी है। ओक के फल में एक बीज होता है, जो एक बाहरी मोटी परत से ढंका रहता है।
- ओक ट्री में एंटीसेप्टिक गुण होते है। चोट लगने या घाव होने पर ओक की छाल लगाने से बैक्टेरिया खत्म हो जाते है।
- बसंत ऋतु में इस पेड़ में दो तरह के विशेष फूल लगते हैं, एक नर फूल होता है व दूसरा मादा फूल होता। ओक के पेड़ों में उनकी शाखा के एक भाग में नर फूल व उसी शाखा के दूसरे भाग में मादा फूल होता है।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि ओक का पेड़ एक दिन में करीब 185 लीटर पानी सोक लेता है। इसलिए यह पेड़ वही पर लगता है जहां पानी भरपूर हो।
- शुरुआत में फल हरा, लेकिन पकने पर लाल और हल्के पीले रंग का हो जाता है। यह भी बड़ी रोचक बात है कि ओक के पेड़ पर फल करीब 20 साल बाद आते हैं।
- ओक का पेड़ कुछ देशों का राष्ट्रीय वृक्ष भी है। इन देशों में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, साइप्रस, जर्मनी इत्यादि देश आते हैं।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया का सबसे पुराना पेड़ ओक का ही है। अमेरिका में द ग्रेट ओक ट्री (The Great Oak Tree) नामक पेड़ है, जो करीब 2 हजार साल पुराना माना जाता है।
- यह पेड़ बहुत खूबसूरत होता है क्योंकि इसकी बनावट और पत्तियां दिखने में सुंदर होती है। इसी कारण ओक वृक्ष को बाग बगीचों और सड़कों के किनारे लगाया जाता है।
- 19 वीं शताब्दी के मध्य तक ब्रिटिश शाही नौसेना के जहाजों का निर्माण ओक से किया जाता था। वर्तमान समय में इसका उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है।
- कुछ वाद्य यंत्रों में भी इसकी लकड़ी का उपयोग होता है, क्योंकि यह काफी कीमती व मजबूत होता है, यामहा के ड्रम को बनाने के लिए ओक की लकड़ी का उपयोग किया जाता है।
- ग्रीक के पौराणिक कथा में, ओक के पेड़ को देवताओं के राजा ज़ीउस के लिए एक पवित्र पेड़ की मान्यता प्रदान किया गया है।
- इस पेड़ पर एक साल में लगभग 2000 फल उग आते हैं। इसके 10,000 एक्रोन के फलों में से केवल कुछ फल ही ऐसे होते है जिनसे ओक पेड़ उग जाये। ज्यादातर फल पक्षियों वह जानवरों द्वारा खा लिये जाते हैं।
- इसका फल पकने के बाद लाल रंग का और बीच बीच में पीला होता है। इसके फल पकने के बाद काफी मीठे (sweet) होते हैं लेकिन कुछ प्रजातियों के फल पकने के बाद कड़वे भी हो जाते हैं। फलों की विशेषता में छुपी एक ये भी है कि इस पेड़ के फल खाने के अलावा टैनिन बनाने के काम मे भी आता है जो चमड़े को पकाने में काम में लिया जाता है।
- भारत के उत्तराखंड राज्य में इस पेड़ का महत्व कुछ ज्यादा ही है वहां के लोग इसको green gold यानी कि हरा सोना के नाम से पुकारते हैं