हमारा सौर मंडल बहुत बड़ा है l सौर मंडल की उत्पति 5 अरब साल पहले हुई थी, जिसमें 1 सूर्य, 8 ग्रह, 5 बौने ग्रह, 181 चंद्रमा, 555,300 उल्कापिंड और करीब 3 हजार धूमकेतु हैं। यह सभी चीज़े सूर्ये की ग्रेविटी के कारण बंधी हुई हैं और इसी की परिक्रमा करती हैं।
सूर्य सौर मंडल का मुखिया है l सूर्य का जन्म 4.6 अरब साल पहले हुआ था। सूर्य पृथ्वी से लगभग 13 लाख गुना बड़ा है और पृथ्वी को इसके ताप का 2 अरब वां भाग मिलता है। पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 149 लाख किमी है।
सौर मंडल में ग्रहों को दो भागों में बांटा गया है :-आंतरिक ग्रह और बहरी गृह। इन ग्रहो को दो भागो में बाँटने का कारण है क्षुद्रग्रह घेरा। यह घेरा मंगल और बृहस्पति के बीच में है इनकी संख्या हज़ारो लाखो की है।
आंतरिक ग्रह
बुध
बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह है। अन्य ग्रहों की तुलना में बुध सूर्य के सबसे नज़दीक है। 180,000 किमी / घंटा की गति पर, यह अंतरिक्ष मे यात्रा करने वाला सबसे तेज़ ग्रह है। यह 88 दिनों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करता है। बुध का कोई उपग्रह नहीं है।
शुक्र
शुक्र सौर मंडल का सबसे गरम ग्रह है। इस ग्रह का तापमान 475 डि ग्री सेल्सिअस रहता है। यहाँ पर दिन और रात का तापमान एक समान रहता है इसका कारण है कि यहाँ के वातावरण में 96 % कार्बन डाइऑक्साइड है। शुक्र ग्रह को पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है क्योंकि दोनों के आकार इस जैसा है। रात के समय यह सबसे ज़्यादा चमकने वाला ग्रह है और धरती से आसानी से पहचाना जा सकता है। सौर मंडल में यही एक मात्र ऐसा ग्रह है जो पूर्व से पश्चिम की ओर घूमता है। शुक्र ग्रह 225 दिनों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करता है।
पृथ्वी
पृथ्वी सूर्य से निकटतम तीसरा ग्रह और ब्रह्माण्ड में एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन का अस्तित्व है। अगर आप पृथ्वी की तस्वीरें देखें तो इसमें तीन रंग नज़र आते है :- नीला ,सफ़ेद और हरा। ये नीला रंग महासागरों और सागरों का है। सफ़ेद रंग बादलों का और हरा रंग वनस्पति का है। धरती एक ऐसे वातावरण से घिरी हुई है जिसमें नायट्रोजन, आक्सीजन और कुछ मात्रा मे कार्बनडाईऑक्साइएड और जल वाष्प शामिल है। इसमें एक ओज़ोन परत भी है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों को अपने अंदर सोख लेती है l पृथ्वी 365 दिनों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करती है।
मंगल
मंगल ग्रह को “लाल ग्रह” के नाम से भी जाना जाता है। इसका कारण है इसका लाल रंग होना। यह धरती से मिलता जुलता ग्रह है। हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स मंगल पर ही स्थित है। सौर मंडल के सभी ग्रहों में हमारी पृथ्वी के अलावा, मंगल ग्रह पर जीवन और पानी होने की संभावना सबसे अधिक है। मंगल के दो चन्द्रमा, फोबोस और डिमोज़ हैं। इस ग्रह को पृथ्वी से नंगी आँखों से देखा जा सकता है। मंगल ग्रह 687 दिनों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करता है।
बाहरी ग्रह
बृहस्पति
यह सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। शुक्र ग्रह के बाद कई बार यह ग्रह सबसे ज्यादा चमकता है। जिसका कारण है इसका विशाल आकार। इसका व्यास धरती से 11 गुना ज़्यादा है। यह ग्रह सूर्य की तरह ही हाइड्रोजन और हीलियम से बना हुआ है। इसके तेज गति से घूमने के कारण यहाँ अक्सर तूफान आते रहते हैं। बृहस्पति के कम से कम 64 चन्द्रमा है। इसमें गैनिमीड सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका व्यास बुध ग्रह से भी बड़ा है। बृहस्पति 12 सालों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करता है।
शनि
शनि सूर्य से छठां ग्रह है तथा बृहस्पति के बाद सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह हैं। और यह इसके रिंग ( Ring ) के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि शनि ग्रह के कई पतले रिंग हैं जो बर्फ के कणों से बने हुए हैं। शनि के कुल 62 चंद्रमा हैं। इनमें सबसे बड़ा चंद्रमा टाइटन है जो बृहस्पति के गैनिमीड के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है। शनि ग्रह 29 सालों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करता है।
अरुण
अरुण हमारे सौर मण्डल में सूर्य से सातवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है। यह बृहस्पति और शनि ग्रह जैसा ही है परन्तु इसका तापमान बहुत ठंडा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह सूर्य से बहुत ज़्यादा दूरी पर है। इसके भी इर्द गिर्द रिंग हैं जिनका रंग काला है। अरुण ग्रह 84 सालों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करता है।
वरुण
वरुण हमारे सौर मण्डल में सूर्य से आठवाँ ग्रह है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है। वरुण को नीला दैत्य भी कहा जाता है। यह धरती से बहुत दूर है । इस ग्रह के 11 चंद्रमा हैं। अरुण ग्रह की तरह इसके भी पतले रिंग हैं। यह सौर मंडल का चौथा सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य से पृथ्वी के मुकाबले तीस गुना अधिक है। वरुण ग्रह 165 सालों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा पूरा करता है।
क्षुद्रग्रह
क्षुद्रग्रह घेरा कई छोटे चट्टानों से मिल कर बना है जोकि मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच में है। ये सब भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सीरीस क्षुद्रग्रह सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह है।
उल्का और उल्कापिंड
उल्का चट्टानों या धातु के छोटे टुकड़े होते हैं। जब क्षुद्रग्रह टूटते हैं तो उल्का बन जाते हैं। यह उल्का जब रफ़्तार से यात्रा करते हैं तो इनमें हवा के कारण से आग लग आती है और तब ये उल्का से उल्कापिंड बन जाते हैं। कई लोग इस गिरते हुए जलते उल्कापिंड को टूटता हुआ तारा कहते हैं।
धूमकेतु
धूमकेतु को कई लोग पुच्छल तारा भी कहते हैं। इसका कारण है इसके पीछे एक छोटी चमकदार पूँछ का होना। ये धूमकेतु पत्थर, धूल, बर्फ और गैस से बने होते हैं। जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा के दौरान गैस और धुल के कण पूँछ का आकार ले लेते हैं। सूर्य के पास आने पर उसके प्रकाश से ये भी चमक उठते हैं।
बौना ग्रह
हमारे सौरमण्डल में पाँच बौने ग्रह है :- यम , सीरीस , हउमेया , माकेमाके , ऍरिस। यम को पहेल ग्रह ही माना जाता था परन्तु 2006 में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के सम्मलेन में वैज्ञानिकों ने इसे बौने ग्रह में शामिल कर दिया।