मैक्सिको में मौत की देवी ‘सांता मुएर्ते’ में विश्वास रखने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस पंथ में विश्वास रखने वाले केवल मैक्सिको ही नहीं, अब मध्य अमेरिका और कोलम्बिया तक फैल चुके हैं। इनका विश्वास है कि मौत की देवी बीमारी और दुख से उनकी रक्षा करती है।
हालांकि, कैथोलिक चर्च इस मत में विश्वास करने वालों की आलोचना करता है। गत वर्ष मैक्सिको आए पोप फ्रांसिस ने भी इस तरह की रहस्यमयी ताकतों में विश्वास रखने वालों की कड़ी आलोचना की थी।
रहस्यमयी पंथ
कुछ लोग इस रहस्यमयी पंथ की लोकप्रियता बढ़ने को मैक्सिको में अपराध और हिंसा में वृद्धि के साथ भी जोड़ कर देखते हैं और इसे लेकर कई अफवाहें भी फैली हैं जैसे कि मृत्यु की देवी अनुयायियों को अपने वश में कर लेती है।
हालांकि, इस पंथ में विश्वास रखने वाले अधिकतर लोगों का दावा है कि ये सब केवल अफवाहें हैं और यह केवल उनकी आस्था और विश्वास की बात हैं जिसमें कोई बुराई नहीं है।
पुराना पंथ
जानकारों के अनुसार मैक्सिको में ‘सांता मुएर्ते’ में विश्वास रखने का चलन काफी पुराना रहा है क्योंकि इसका संबंध वहां की परम्परा से है। उपनिवेशी काल में स्पेन द्वारा इस देश पर कब्जा कर लेने के साथ यहां कैथोलिक धर्म का आगमन हुआ। फिर भी गुप्त रूप से मौत की देवी में कई लोगों ने अपने विश्वास को जिंदा रखा।
खुल कर होने लगी है पूजा
जहां पहले लोग मौत की देवी के अनुयायी होने की बात को खुल कर स्वीकार नहीं करते थे। वहीं अंतिम कुछ वक्त से वे इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने लगे हैं। बहुत से स्थलों पर इससे जुड़े प्रार्थना स्थल भी खुल गए हैं। अपराधों के लिए कुख्यात तैपितो कस्बे में भी अंतिम 15 वर्षों से एक महिला डोना कुएर्ता ने घर में एक प्रार्थना स्थल बनाया है।
जहां देश ही नहीं विदेशों से भी मृत्यु की देवी के अनुयायी आने लगे हैं। ऐसे प्रार्थना स्थलों में आमतौर पर कंकाल को सजा कर उसकी पूजा की जाती है। माना जाता है मैक्सिको में यह मृत्यु के देवता को समर्पित प्रथम सार्वजनिक प्रार्थना स्थल है। इसलिए इसकी लोकप्रियता सबसे ज्यादा है।
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