कभी बच्चों को बहलाने के लिए तो कभी उनकी ज़िद्द के कारण पेरेंट्स उन्हें अपना मोबाइल थमा देते हैं। आजकल स्मार्टफोन तो बच्चों का खिलौना हो गया है परंतु क्या आप जानते हैं कि मोबाइल आपके बच्चे के दिमाग को कमजोर बना सकता है तथा अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है।
व्यवह्मर संबंधी समस्याएं
यदि आपका बच्चा बाहर जाकर खेलने की अपेक्षा मोबाइल पर गेम्स खेलने में बीज़ी रहता है तो उसे व्यवहार संबंधी समस्याएं होने की संभावना उन बच्चों से ज्यादा है जो बाहर जा कर अपने हमउम्र बच्चों के साथ खेलते हैं।
पल-पल मूड बदलना
आजकल ज्यादातर बच्चों को मूड स्विंग्स की समस्या रहती है, वे पल भर में खुश तो दूसरे ही पल चिड़चिड़े एवं मायूस हो जाते हैं। वास्तव में मूड स्विंग्स का एक बहुत बड़ा कारण मोबाइल का अधिक इस्तेमाल करना है।
कमजोर याददाश्त
मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन के कारण दिमाग की सोचने की क्षमता प्रभावित होती है। अत: जो बच्चे ज़्यादा देर तक मोबाइल पर बीज़ी रहते हैं उनकी याददाश्त कमजोर होने लगती हैं।
लर्निग डिसएबिलिटी
बच्चों के पढ़ने का तरीका भी बदल गया है। अब वे हमारी और आपकी तरह पढ़ने के लिए ज्यादा दिमाग खर्च नहीं करते क्योंकि इंटरनैट में एक क्लिक पर ही उन्हें सारी जानकारी मिल जाती है, इसलिए उन्हें कुछ भी याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती। इसका नतीजा यह है कि बच्चे नॉर्मल तरीके से पढ़ना भूल गए हैं।
आक्रामक व्यवहार
बच्चों के हाथ में मोबाइल होने के कारण उनका दिमाग भी हर समय उसी में लगा रहता है, कभी गेम्स खेलने, कभी सोशल साइट्स, तो कभी कुछ सर्च करने में यानी उनके दिमाग को आराम नहीं मिल पाता। दिमाग को शांति एवं सुकून न मिल पाने के कारण उनका व्यवहार आक्रामक हो जाता है।
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