आज के युग में यह यकीन करना मुश्किल हो जाता है लेकिन कोई विश्वास करे या नहीं यह बिलकुल सच है कि बी.बी.एन. कालेज चकमोह में बी.ए. द्वितीय वर्ष में पढ़ने वाली प्रियंका को पिछले साल अप्रैल माह से लेकर बीते वीरवार तक अर्थात 6 माह में 7 बार सांप दंश का शिकार होना पड़ा है।
अप्रैल में काटा पहली बार
जी हां, सर्पदंश की पीड़िता प्रियंका व उसकी मौसी गायत्री देवी ने बताया कि प्रियंका को पिछले साल यानि 2017 में अप्रैल माह में सांप ने काटा. इस पर उसके परिवार ने हमीरपुर जिला के अंतर्गत बिझड़ी विकास खंड की पंचायत दलचेहड़ा, वाहल अर्जुन गांव के निवासी बालक राम को फोन किया। बालक राम ने फोन पर ही प्रियंका के शरीर में फैला सर्पविष तांत्रिक विद्या से निकाल दिया।
तूरकाल गाँव की रहने वाली है प्रियंका
प्रियंका पुत्री बलबीर सिंह निवासी तूरकाल पी.ओ. बुधान तहसील बंगाणा जिला ऊना की रहने वाली है तथा वर्तमान में वह अपनी मौसी गायत्री देवी के घर झबोला में रहती है तथा यहीं से बाबा बालक नाथ डिग्री कालेज चकमोह में बी.ए. द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है।
स्कूल वाली गली में घेरा था 4 सांपों ने
सर्पदंश की सबसे ताजा घटना की जानकारी देते हुए प्रियंका ने बताया कि बीते 5 अक्तूबर को वह चकमोह कालेज से मौसी के घर झबोला आ रही थी। जब वह तलाई में पहुंचकर मौसी को दवाई लाने सी.एच.सी. अस्पताल गई तो अस्पताल के पास स्कूल वाली गली में उसको 4 सांपों ने घेर लिया। जब उसने भागने की कोशिश की तो 2 सांपों ने उसे काट लिया। सर्पदंश के साथ ही वह बस में घर के लिए बैठी तथा झबोला में उतर गई लेकिन उसके बाद उसे कुछ पता नहीं चला।
गाड़ी चालक ने पहुँचाया था तांत्रिक के पास
जब झबोला सहकारी सभा के पास सड़क पर कुछ महिलाएं एकत्रित थीं तो वहां से कार (एच.पी. 01बी-0456) लेकर गुजर रहे प्रदीप उर्फ लक्की ने गाड़ी रोकी और प्रियंका से पूछा तो उसने धीरे से बताया कि उसे सांप ने काटा है। प्रियंका की बात सुनकर प्रदीप उसे सीधे सर्वविष तांत्रिक विद्या प्राप्त बालक राम निवासी वाहल अर्जुन के पास ले गया तथा उसकी मौसी गायत्री को घटना की जानकारी दी। प्रदीप ने बताया कि जब उसने प्रियंका को देखा तो उसके मुंह से सफेद झाग निकल रहा था। अब प्रियंका बिलकुल ठीक है और उसका सारा विष निकल गया है।
74 सर्पदंश पीड़ितों का विष निकाल चुके हैं बालकराम
उधर, इस बारे बालक राम से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि उसने वर्षों पूर्व सर्वविष अर्थात किसी भी जीव का विष निकालने की सिद्धि की हुई है तथा अकेले इस साल ही 5 अक्तूबर तक फोन और सीधे पीड़ित को सामने बिठाकर 74 सर्पदंश पीड़ितों का विष निकाल चुके हैं। उन्होंने बताया कि पी.जी.आई. चंडीगढ़ में दाखिल मरीजों का भी फोन पर सर्पविष उतारा है।
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