हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वहीं देवताओं के शिल्पी, निर्माण और सृजन के देवता कहे जाने वाले भगवान विश्वकर्मा की पूजा आराधना हर साल सितंबर महीने में की जाती हैं।
इस महीने में विश्वकर्मा पूजा या भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती हैं। विश्वकर्मा पूजा के दिन विशेष तौर पर औजारों, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों आदि की पूजा की जाती हैं।
मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। कारोबार में तरक्की और उन्नति होती हैं जो भी कार्य आरंभ किए जाते हैं वे पूरे होते हैं भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर भी कहा जाता हैं।
तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि इस साल विश्वकर्मा पूजा कब हैं और पूजन का मुहूर्त क्या हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए कौन हैं भगवान विश्वकर्मा
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान विश्वकर्मा पहले वास्तुकार और इंजीनियर हैं इन्होंने स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, द्वारिका नगरी, यमपुरी, कुबेरपुरी आदि का निर्माण किया था। उन्होंने इस संसार की रचना में ब्रह्मा जी की मदद की थी। इस संसार का मानचित्र तैयार किया था।
पूजा मुहूर्त
विश्वकर्मा पूजा का पावन पर्व हर साल उस दिन मनाया जाता है जब सूर्यदेव सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इस दिन को कन्या संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है। इस साल 17 सितंबर को रात 1 बजकर 29 मिनट पर सूर्य की कन्या संक्रांति का क्षण हैं।
इस दिन राहुकाल सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक हैं राहुकाल को छोड़कर आप विश्वकर्मा पूजा करें। सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 6 बजकर 7 मिनट से प्रारंभ हो रहा हैं तो आप इस समय से पूजा कर सकते हैं।
हर साल की तरह इस साल भी विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शुक्रवार को हैं इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग में विश्वकर्मा पूजा मनाया जाएगा।
विश्वकर्मा पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 6 बजकर 7 मिनट से अगले दिन 10 सितंबर को प्रात: 3 बजकर 36 मिनट तक बना रहेगा।
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