Thursday, November 7, 2024
29.6 C
Chandigarh

प्रकृति से प्रेरित “अनूठे अविष्कार” !!

प्रकृति के पास हमारी अनेक समस्याओं के समाधान हैं। वैज्ञानिकों को समाधान के अप्रत्याशित तरीके ढूंढने के लिए प्रेरणा मिल रही है। बदबूदार छोटा-सा फल दूरियन इलैक्ट्रिक कारों को चार्ज कर सकता है तो समुद्री स्पंज बेहतर अंतरिक्ष यान बनाने में भी काम आ सकते हैं।

मकड़े के जाल से लेंस

मकड़े अपने जाले से हर तरह के कीटों को फांस लेते हैं, अब इंसान इन्हीं जालों का इस्तेमाल कर ऐसे ऑप्टिकल लेंस बना रहा है जो इंसान की नंगी आंखों से नहीं दिख सकने वाले वायरसों की तस्वीर ले सकेंगे।

जर्नल ऑफ अप्लायड साइंस में प्रकाशित एक रिसर्च रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने नर मकड़े के पैर से निकलने वाले जालों की मदद से लैंसों के लिए सपोर्ट तैयार किया है।

प्रयोगों के दौरान वैज्ञानिकों ने मकड़े के जालों को मोम से ढंक दिया और फिर इस पर जाल उंडेल दिया। जब यह गाढ़ा हुआ तो स्वाभाविक रूप से जालों ने गुंबदों की शक्ल ले ली। फिर रिसर्चरों ने इसे अल्ट्रावॉयलेट अवन में पका लिया।

इससे तैयार हुआ ऑप्टिकल लेंस लाल रक्त कोशिका के आकार का है। इसका इस्तेमाल वायरस या किसी जैव ऊतक के भीतरी हिस्से की तस्वीर लेने में हो सकता है।

यह पूरी तरह से प्राकृतिक है और जहरीला भी नहीं है इसलिए इसे शरीर के भीतर भी आराम से इस्तेमाल किया जा सकता है।

ततैया से सीख कर बनी सूई

बिना ज्यादा चीरफाड़ किए ट्यूमर और खून के थक्कों को निकालना अब और भी आसान हो जाएगा। एक ऐसी सूई की खोज हुई है जिसकी प्रेरणा परजीवी ततैया से मिली है।

ये कीट अपने अंडे कैटरपिलर जैसे जीवों में एक खोखली सूई की मदद से डाल देते हैं। इस सूई का नाम है ओविपोसिटर। नीदरलैंड की डेल्फ्ट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ओविपोसिटर की यांत्रिकी का अध्ययन किया तो देखा कि उसमें ब्लेड बारी-बारी से ऊपर और नीचे जाते हैं।

इससे पैदा हुआ घर्षण अंडों को आगे धकेलता है। इसकी मदद से रिसर्चरों ने ऐसी सूई डिजाइन की है जिसमें ओविपोसिटर की तरह ही स्लाइडिंग रॉड लगे हैं।

उनका कहना है कि यह सुई शरीर के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचकर वहां से नुक्सानदेह संरचनाओं को बाहर निकालने और दवाइयों को वहां तक पहुंचाने में कारगर है।

इससे मरीज को कम तकलीफ होगी और वह जल्दी से ठीक भी हो सकेंगे। अब यह किसने सोचा था कि कैटरपिलर को अंदर ही अंदर खाने वाले ततैया के परजीवी लार्वा से सीख कर ऐसी सूई भी बनाई जा सकेगी।

समुद्री स्पंज से अंतरिक्ष यान

प्रशांत महासागर की गहराई में एक बेहद जालीदार समुद्री स्पंज मिलता है जिसे वीनस नाम दिया गया है। यह मजबूत गगनचुंबी इमारतों, लंबें पुलों और हल्के अंतरिक्ष यान बनाने में काफी मददगार है। नेचर मैटीरियल्स की एक रिसर्च रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

स्पंज का इस्तेमाल इमारतों और पुलों में तो कई सदियों से हो रहा है लेकिन वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि वीनस स्पंज की नलीदार अस्थियां इसे पारंपरिक स्पंज के मुकाबले वजन के अनुपात में ज्यादा ताकतवर बनाती हैं।

हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक और रिसर्च रिपोर्ट के सह लेखक जेम्स वीवर का कहना है कि हम स्पंज के कंकाल तंत्र में उसकी संरचना और काम के बीच संबंध का 20 से ज्यादा साल से अध्ययन कर रहे हैं और यह प्रजाति हमें लगातार हैरान कर रही है।

दूरियन से सैकेंड्स में मोबाइल चार्ज

कुछ लोगों के लिए दूरियन रसदार और स्वादिष्ट हैं तो कुछ लोगों के लिए इतने बदबूदार कि उन्हें दक्षिण एशिया के होटलों ने प्रतिबंधित कर दिया है।

हालांकि दूरियन का फल अब अपने मशहूर होने की कुछ और वजहें सामने लाया है। यह मोबाइल फोन और इलैक्ट्रिक कारों को चार्ज कर सकता है।

जर्नल ऑफ एनर्जी स्टोरेज में छपी एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने ब्यौरा दिया कि कैसे उन्होंने इस फल से मिलने वाला एक बेहद हल्का और छिद्रित मैटीरियल बनाने में कामयाबी हासिल की है। इसे एयरोजेल कहा जाता है।

सिडनी यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफैसर विसैंट गोम्स के अनुसार एयरोजेल ‘ग्रेट सुपर- कैपेसिटर’ हैं, जो ऊर्जा के भंडार के रूप में उसे रखने और फिर बांटने का काम कर सकते हैं।

गोम्स ने बताया, “सुपर कैपेसिटर छोटे आकार की बैटरी में भी बड़ी मात्रा में और वह भी बेहद कम समय में ऊर्जा का भंडार जमा कर सकते हैं।” यह ऊर्जा मोबाइल फोन, टैबलेट और लैपटॉप को कुछ ही सैकेंड के भीतर चार्ज कर सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR