लता मंगेशकर की जादुई आवाज़ का हर कोई कायल है। कहा जाता था कि भारत रत्न लता मंगेशकर के कंठ में स्वयं सरस्वती का वास है। जितनी मीठी आवाज़ उनकी 14 वर्ष की आयु में थी, वही मिठास उनके आखिरी गाने तक कायम रही।
वे दुनिया भर में अपनी इस खासियत के लिए मशहूर रहीं। आज इस पोस्ट में हम जानेगें उनकी ज़िंदगी के अनसुने तथ्य:-
- उनके पिता दीनानाथ और मां शेवांति ने उनका नाम हेमा रखा था लेकिन पांच साल की उम्र होने पर उनके पिता ने उनका नाम बदलकर लता रख दिया।
- कहा जाता है कि लता दीदी मानती थीं कि उनकी आवाज सबसे ज्यादा सायरा बानो पर अच्छी लगती है।
- कहा जाता है कि राजकपूर की 1978 की बेहतरीन फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ लता मंगेशकर के जीवन से प्रेरित थी और वह उन्हें इस फिल्म में एक्टिंग करवाना भी चाहते थे।
- उनको पहला ब्रेक गाने के लिए नहीं, बल्कि एक नाटक में एक्टिंग के लिए मिला था।
- लता मंगेशकर ने फिल्मों के लिए पहला गाना गया था, ‘नाचू या गड़े, खेलू सारी मणि हौस भारी‘। यह गाना 1942 की एक मराठी फिल्म “किटी हसाल” का था। लेकिन, फिल्म के आखिरी कट में इसे हटा दिया गया था।
- उनका पहला गाना जो रिलीज हुआ वह था ‘नैथली चैत्राची नवलाई‘। यह सॉन्ग मराठी फिल्म ‘पाहिली मंगलागौर‘ में रखा गया था।
- लता ने दस फिल्मों में काम भी किया जिनमें ‘पाहिली मंगलागौर‘, ‘बड़ी मां‘ और ‘जीवन यात्रा‘ प्रमुख हैं।
- वे “आनंदअघन” के नाम से गाने भी कंपोज किया करती थीं। बंगाली भाषा में ‘तारे आमी चोखने देखिनी‘ और ‘आमी नी‘ गाने उन्होंने ही कंपोज किए थे।
- उन्होंने ‘रामराम पाहुने‘ जैसी पांच मराठी फिल्मों में भी गाने कंपोज किए।
- लता ने ‘वडाल‘ (मराठी), ‘झांझर‘, ‘कंचन‘ और ‘लेकिन‘ (हिंदी) फिल्में प्रोड्यूस भी कीं। हिंदी के अलावा उन्होंने बंगाली, मराठी, पंजाबी, गुजराती, तमिल और मलयालम भाषाओं में भी गाने गाए हैं।
- लता के कंपोज किए बंगाली गाने “किशोर कुमार” ने गाए थे।
- लता को गाने के अलावा फोटो खिंचवाने का भी बहुत शौक है।
- लता मंगेशकर एक कार्यकाल के लिए यानी 1999 से 2005 तक राज्यसभा की सांसद भी रह चुकी थीं। उन्हें 1999 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। हालांकि, उन्होंने इस कार्यकाल पर नाखुशी जताई और दावा किया था कि उन्होंने अनिच्छा से संसद की सदस्यता स्वीकारी थी।
- सात दशक से भी ज्यादा के अपने शानदार करियर में लता को एक से बढ़कर एक भारतीय संगीतकार और संगीत निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला था, लेकिन उन्होंने ओपी नैय्यर साहब के साथ कभी काम नहीं किया था।
- गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में 1974 से 1991 तक लता मंगेशकर का नाम दुनिया की सबसे ज्यादा गाने गाने वालीं सिंगर के तौर पर दर्ज है।
- पिछले कई वर्षों से अपनी अधिक उम्र और खराब स्वास्थ्य की वजह से लता मंगेशकर गायिकी से दूर हो गई थीं। उन्होंने अपना पिछला और आखिरी गाना सात साल पहले 2015 में रिकॉर्ड किया था।
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