महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता हैं। प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। आइये आज याद करते हैं गांधी जी के कुछ अनमोल वचन:
- विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए। जब विश्वास अंधा हो जाता है तो वो मर जाता है।
- विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है।
- ताकत दो तरह की होती है। एक जो सज़ा के डर से बनायी जाती है और दूसरी जो प्यार के acts से बनायी जाती है। प्यार वाली ताकत सज़ा के डर से बनायी गयी ताकत से हज़ार गुणा ज्यादा असरदार होती है।
- पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।
- परमेश्वर ही सत्य है; यह कहने की बजाय ‘सत्य ही परमेश्वर’ है यह कहना अधिक उपयुक्त है।
- ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
- जहाँ प्रेम है वहां जीवन है।
- आपको इंसानियत में विश्वास नहीं खोना चाहिए। इंसानियत एक समुन्दर है, यदि समुन्दर में कुछ बूंदे गन्दी होती हैं,तो पूरा समुन्दर गन्दा नहीं हो जाता।
- क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
- मेरा जीवन मेरा सन्देश है।
- आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।
- सत्य एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों-ज्यों सेवा की जाती है, त्यों-त्यों उसमे अनेक फल आते हुए नज़र आते है, उनका अंत ही नहीं होता।