Thursday, November 7, 2024
20.8 C
Chandigarh

नवरात्रि 2023 :- कहाँ से आए देवी माँ के अस्त्र-शस्त्र, जाने क्या है इनका अर्थ!

नव दुर्गा को पापों की विनाशिनी कहा जाता है, देवी के अलग-अलग स्वरूपों में अलग-अलग अस्त्र-शस्त्र हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि देवी माँ जिन अस्त्र-शस्त्र को धारण करती हैं। उसका उद्देश्य क्या है या फिर ये कहां से आए? आखिर माँ भगवती को ये कहां से मिले?
ऐसी मान्यता है कि देवी को देवताओं ने अपने अस्त्र-शस्त्र व हथियार सौपें थे ताकि असुरों के साथ होने वाले युद्धों में विजय प्राप्त हो व धर्म सदैव स्थापित रहे, अधर्म का नाश हो व सद्मार्ग की गति बनी रहे।
आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कहाँ से प्राप्त हुए देवी माँ को ये अस्त्र-शस्त्र, तो चलिए जानते हैं :-

चक्र

माँ भगवती के हाथों में शोभा देते हुए चक्र को भगवान विष्णु ने भक्तों की रक्षा के लिए देवी को प्रदान किया था। भगवान विष्णु ने ये चक्र खुद अपने चक्र से उत्पन्न किया था।

त्रिशुल

माँ दुर्गा को त्रिशुल स्वयं भगवान शंकर ने भेंट किया था। भगवान शिव ने इसे शूल से त्रिशूल निकालकर मां दुर्गा को भेंट किया था। इस त्रिशुल से देवी ने महिषासुर समेत अन्य असुरों का वध किया था।

शंख

माँ दुर्गा के हाथ में जो शंख है उसे वरुण देव ने भेंट किया था। इस शंख की ध्वनि मात्र से धरती, आकाश और पाताल में मौजूद असुर कांप कर भाग जाया करते थे।

वज्र

देवी माता को अपने वज्र से एक दूसरा वज्र निकालकर देवराज इंद्र ने भेंट किया था। यह वज्र अत्यंत शक्तिशाली था कि  उसके प्रहार से सारी असुरी सेना युद्ध के मैदान से भाग खड़ी हुई थी।

दंड

माँ भगवती को यमराज ने अपने कालदंड से निकालकर दंड भेंट किया था। देवी ने युद्ध भूमि में दैत्यों को दंड पाश से बांधकर धरती पर घसीटा था।

धनुष-बाण

माँ भवानी को धनुष और बाणों से भरा तरकश स्वयं पवन देव ने भेंट किया था। असुरों से युद्ध के दौरान देवी इसी धनुष और बाणों का प्रहार करती थीं।

तलवार

देवी माँ के हाथों में सुशोभित तलवार और ढाल यमराज ने भेंट की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार माँ भगवती ने असुरों का सर्वनाश इसी तलवार और ढाल से किया था।

घंटा

देवराज इंद्र ने ऐरावत हाथी के गले से घंटा उतारकर देवी को दिया था और इस घंटे की भयंकर ध्वनि से असुरों व दैत्यों को घंटे के नाद से मूर्छित कर के उनका विनाश किया था।

फरसा

भगवान विश्वकर्मा ने माँ दुर्गा को अपनी ओर से फरसा प्रदान किया था। चंड-मुंड का सर्वनाश करने वाली देवी ने काली का रूप धारण कर हाथों में तलवार और फरसा लेकर असुरों से युद्ध किया था।

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR