वैसे तो हर त्यौहार का अपना एक रंग और महत्व होता है, लेकिन हरे, पीले, लाल, गुलाबी आदि असल रंगों का त्यौहार होली बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है।
होली के दिन हर किसी का तन-मन, प्रेम-उल्लास और उमंग के रंगों की फुहार से भर जाता है। आइए जानते हैं होली पर किए गए वह 7 अनोखे काम, जो आपको हर संकट से बचाएंगें:-
कब है होली
होली 2022 तिथि की बात करें तो, इस बार होली 17 मार्च 2022 को है और 18 मार्च 2022 को होलिका दहन है।होलिका दहन और होली के शुभ मुहूर्त का समय रात में 09 बजकर 6 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है।
होली पर पढ़ें यह शुभ मंत्र
आज हम आपको एक मंत्र के बारे में बताने जा रहें हैं, इस होली इस शुभ मंत्र को पढ़ लिया, तो सुख, समृद्धि और सफलता के दरवाज़े खुल जाएंगे। सुख और समृद्धि के लिए पढ़ें होली का यह शुभ मंत्र-
अहकूटा भयत्रस्तै:कृता त्वं होलि बालिशै: अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम:
इस मंत्र का उच्चारण एक माला, तीन माला या फिर पांच माला विषम संख्या के रूप में करना चाहिए।
करें यह 7 काम
होली और दिवाली तंत्र, मंत्र और यंत्र के लिए जानी जाती है, लेकिन होली पर अगर आप कोई कठिन तंत्र-मंत्र नहीं करना चाहते हैं, तो आप यह बहुत सरल से उपाय भी कर सकतें हैं।
- होलिका का पूजन कर पान, फल, मिष्ठान्न चढ़ाएं और दूसरे दिन कुछ चुटकी भस्म लेकर धारण करें और पूजन करें, तांत्रिक प्रयोगों से रक्षा होगी।
- होली के दिन जो लोग भगवान विष्णु के दर्शन करते हैं, वे बैकुंठगामी होते हैं। अगर उनकी प्रतिमा हिंडोले (झूला) में झूलते हुए है, तो वर्ष भर यह दर्शन शुभता लाते हैं।
- नमक, मिर्च, राई लेकर अपने ऊपर से उतारकर होली में डाल दें। किसी व्यक्ति से बचाव के लिए उस व्यक्ति का नाम लेकर डालें।
- इस दिन आम मंजरी और चंदन को मिलाकर खाने की बड़ी महत्ता है।
- अशुभ ग्रहों के निवारण के लिए होली की भस्म शरीर पर लगाकर स्नान करें।
- होलिका दहन के बाद जो राख निकलती है, उस राख को शरीर पर लगाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जली हुई होली की गर्म राख घर में समृद्धि लाती है। साथ ही परिवार में शांति और आपसी प्रेम बढ़ता है।
- होलिका दहन के दौरान गेहूं की बाली सेंककर घर में रखने से धनधान्य में वृद्धि होती है।
होली की आग, भस्म और धूल, बुरी आत्माओं को रखती हैं दूर
ऐसा माना जाता है कि होली की बची हुई अग्नि और भस्म को अगले दिन प्रात: घर में लाने से घर को अशुभ शक्तियों से बचाने में सहयोग मिलता है। इस भस्म का शरीर पर लेपन भी किया जाता है। भस्म का लेपन करते समय निम्न मंत्र का जाप करना कल्याणकारी रहता है-
वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च। अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव।।
होली की पूजा कैसे करें
लकड़ी और कंडों की होली के साथ घास लगाकर होलिका खड़ी करके उसका पूजन करने से पहले हाथ में असद, फूल, सुपारी, पैसा लेकर पूजन कर जल के साथ होलिका के पास छोड़ दें और अक्षत, चंदन, रोली, हल्दी, गुलाल, फूल तथा गूलरी की माला पहनाएं।
इसके बाद होलिका की तीन परिक्रमा करते हुए नारियल का गोला, गेहूं की बाली तथा चना को भूंज कर इसका प्रसाद सभी को वितरित करें। होली की पूजा करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि, संतान प्राप्ति होती है।
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