रक्षाबन्धन एक हिन्दू व जैन त्यौहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। राखी ईश्वर की ओर से बांधा जाने वाला साक्षात सुरक्षा कवच है।
रक्षाबन्धन का पर्व भाई-बहनों के आपसी प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार हमेशा भद्रा रहित काल में मनाना शुभ होता है। अगर रक्षाबंधन के दिन भद्रा होती है तो ऐसे में बहनों को अपने भाईयों की कलाई में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
भद्रा की समाप्ति के बाद ही राखी बांधना चाहिए। इस बार रक्षा बंधन की तिथि को लेकर कुछ मतभेद है। दरअसल इस वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया रहने के कारण रक्षाबंधन 30 और 31 अगस्त को मनाने को लेकर असमंजस बना हुआ है।
जानते हैं रक्षाबंधन का त्योहार 30 या 31 अगस्त कब मनाएं और शुभ महूर्त :-
रक्षाबन्धन का महत्व
रक्षाबन्धन पर्व को भाई-बहन के प्रेम और सदभाव के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती है इसके बदले में भाई बहन को भेंट देता है एवं सदैव उसकी रक्षा करने का वचन भी देता है। अच्छे मुहूर्त अथवा भद्रारहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है।
रक्षाबन्धन के दौरान कब पड़ रही है भद्रा काल ?
इस साल भद्रा काल होने के कारण रक्षाबन्धन का मुहूर्त 30 अगस्त को है या 31 को। इसको लेकर सभी असमंजस में है। इस साल पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10:58 मिनट से शुरू होगी, जो 31 अगस्त 2023 को सुबह 07:05 तक चलेगी।
लेकिन शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के साथ ही भद्राकाल भी शुरू हो जाएगा। इसमें हिन्दू पंचांग के अनुसार राखी बांधना शुभ नहीं रहता है। ऐसे में एक ही दिन पूर्णिमा और भद्रा लगने के कारण आपको मुहूर्त का खास ख्याल रखना होगा।
राखी बांधने का शुभ महूर्त
रक्षाबन्धन का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात 09 बजकर 01 मिनट के बाद से शुरू होगा और इस मुहूर्त का समापन 31 अगस्त को सूर्योदय काल में सुबह 07 बजकर 05 बजे पर होगा.
क्यों नहीं बांधते भद्रा में राखी?
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी, जिस वजह से रावण के पूरे कुल का सर्वनाश हो गया था। इसलिए ऐसा माना जाता है कि बहनों को भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
इन बातों का भी रखें ख्याल?
- राखी बांधते समय अच्छे से नहा-धोकर साफ सुथरे कपड़े पहनें।
- रक्षाबंधन वाले दिन भाई को राखी बांधते समय मुहूर्त का खास ख्याल रखें।
- राखी से पहले जब भाई की पूजा करें, तो उस समय अक्षत यानि चावल के दाने टूटे हुए न हो।
- आरती करते समय थाल में रखा हुआ दिया शुद्ध हो, वो टुटा हुआ नहीं होना चाहिए।
- राखी बांधते समय भाई या बहन का चेहरा दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। इस दिशा में मुख करते हुए राखी बांधने पर उम्र कम होती है।
- राखी बांधते समय भाई को टिका लगाते समय रोली या चंदन का इस्तेमाल करें। इस समय सिंदूर का इस्तेमाल न करें क्योंकि सिंदूर सुहाग की निशानी होता है।