पारस पत्थर से जुड़ी कहानियां सबने सुनी ही होगी, लेकिन क्या कभी किसी ने पारस पत्थर देखा है? ऐसा माना जाता है कि पारस पत्थर वह पत्थर होता है जिसे छूते ही लोहा सोना बन जाता है.
जी हाँ, दुनिया में एक ऐसा किला है जहाँ यह मौजूद हैं. जिसके कारण यहाँ हर साल लोग खुदाई करने के लिए पहुंच जाते हैं.
भारत में भोपाल से लगभग 50 किलोमीटर दूर एक ऐसा किला है जहां ऐसा माना जाता है कि वहां पारस पत्थर मौजूद है. इस किले की खास बात यह भी है कि इस किले में स्थित कीमती पारस पत्थर की रखवाली जिन्न करते हैं.
भोपाल में स्थित इस किले का नाम रायसेन किला है. रायसेन किला पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है. ऐसा माना जाता है कि यह किला लगभग 1200 ईस्वी पहले बनाया गया था.
इस किले को बनाने में बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है. भोपाल के रायसेन किले में दुनिया का सबसे पुराना वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम (Rainwater harvesting) मौजूद है.
इतिहास
ऐसा माना जाता है कि किले के राजा रायसेन के पास एक पारस पत्थर था. इस पत्थर को पाने के लिए कई युद्ध हुए. ऐसे ही एक युद्ध में राजा रायसेन हार गया और हार के डर से उसने वह पत्थर तालाब में फेंक दिया.
बाद में एक युद्ध के दौरान राजा की मौत हो गई. मरने से पहले राजा रायसेन ने इस पत्थर के बारे में किसी को नहीं बताया. राजा के मरने के बाद यह किला वीरान हो गया.
वैसे तो अब तक पत्थर और जिन्न को लेकर कोई ऐसा सबूत हाथ नहीं लगा है जिससे यह सत्य हो की वाकई इस किले में वह पत्थर मौजूद हैं. लेकिन लोग सुनी-सुनाई बातों के आधार पर ही इस पत्थर की खोज कर रहे हैं. इसका प्रमाण वहां मौजूद गड्ढे हैं.
अभी भी पारस पत्थर और किले के खज़ाने को ढूंढने के लिए तांत्रिकों की मदद ली जा रही है, लेकिन किसी को कुछ नहीं मिलता.
बल्कि कई लोग इस किले में आ के अपना मानसिक संतुलन भी खो देते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि रायसेन किले में स्थित पारस पत्थर की रक्षा जिन्न करते है. पुरातत्व विभाग पत्थर और किले के खज़ाने के बारे में खोज कर रहा है.
अंत में सब के मन में एक ही सवाल उठता है क्या वाकई रायसेन के इस किले में पारस मौजूद है? आप रायसेन किले में मौजूद पारस के बारे में क्या सोचते हैं अपनी राय जरुर बताएं…..
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